हमारे शास्त्रों में चार युगों का वर्णन आता है , सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर युग एवं कलयुग का I जानकारों की मानें तो उनके अनुसार सबसे विध्वंस कारी युग की संज्ञा कलयुग को ही दी गई हैं I सतयुग, त्रेतायुग और द्वापर युग में अमूमन कलयुग के तुलना सब दिव्य था, साधारण जीवन और उस समय व्यक्ति अधिक धर्म कर्म के कार्यों में संलग्न थे I वेदों के अनुसार व्यक्तियों की आयु 100 वर्ष से अधिक हुआ करती थीं, कुछ ऐसी ही बातें कलयुगी मानुष के लिए भी कहीं गई थी कि, कलयुग में भी मानव जाति की आयु 100 वर्ष होगी, लेकिन हम अपने आसपास देखते हैं कि अब विरले ही कोई इतने वर्ष तक जीवित रहतें हैं, अमूमन 100 वर्ष की आयु से पूर्व ही उनका जीवन समाप्त हो जाता हैं I इसके पीछे के तथ्य के लिए द्वापर युग के महान विद्वान एवं नीतिकार विदुर जी ने कुछ गूढ़ बातें सामने रखी थी I आपको बता दें ये वहीं विदुर जी हैं, जिनके यहां श्री कृष्ण ने कौरवों का राजमहल त्याग कर, विदुर जी के निवास स्थान पर ठहरना उचित समझा था I विद्वान एवं नीतिकार विदुर जी ने 6 कारण बताए कि लोग क्यूँ 100 वर्ष की आयु से पूर्व ही परलोक चले जाते हैं I विदुर जी बताते हैं कि इसके पीछे मनुष्य के कर्म ही होतें हैं जो उनकी आयु कम कर देतें हैं I आइए आज इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि विदुर जी ने कौन से ऐसे 6 कारण बताए हैं जिनके वज़ह से व्यक्ति की आयु कम हो जाती हैं :
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