garun puran significance
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कहा जाता हैं कि इस जीवन का सबसे बड़ा सत्य ही मृत्यु{Death}हैं I इस संसार में जिस भी व्यक्ति ने जन्म लिया हैं उसे अपनी आयु के बाद इस जीवन को त्याग कर मृत्यु को गले लगाना ही हैं I हिन्दू धर्म {Hindu Dharma} में जीवन की सभी घटनाओं के लिए अलग अलग विधान हैं , जैसे किसी के जन्म के बाद बहुत प्रकार की रस्में निभाई जाती हैं, उसी प्रकार मृत्यु के पश्चात भी व्यक्ति कई प्रकार के रस्मों को निभाते हैं I हमारे शास्त्रों के अनुसार किसी भी जातक के मृत्यु के पश्चात गरुड़ पुराण {Garuda Puran} का पाठ करवाना बहुत अनिवार्य माना जाता हैं, कहा जाता हैं कि बिना गरुड़ पुराण के पाठ से मृतक की आत्मा को शान्ति नहीं मिलती हैं I हिन्दू धर्म के मान्यता के अनुसार जब भी घर में किसी भी परिजन की मृत्यु हो तो उनके मृत्यु के चार दिनों के बाद से गरुड़ पुराण का पाठ शुरू हो जाना चाहिए I ऐसा माना जाता है कि घर के सभी सदस्य को गरुड़ पुराण का पाठ सुनाना चाहिए, इसमें मृत्यु के बाद घटित होने वाली घटनाओं के विषय में बताया गया हैं I भगवान विष्णु के वाहन कहे जानें वाले गरुड़ को स्वयं श्री हरि ने बताया था कि व्यक्ति को कैसे कर्म करने चाहिए सद्गति तथा शांति प्राप्त करने के लिए Iआइए आज इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि आखिर कार क्यूँ किसी भी परिजन के मौत के बाद घर में गरुड़ पुराण का पाठ करवाना अनिवार्य माना जाता हैं :
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गरुड़ पुराण का पाठ दरसल मृतक की आत्मा की शांति के लिए करवाया जाता हैं I ऐसा माना जाता हैं कि मृत्यु के बाद भी व्यक्ति की आत्मा अपने घर में ही रहती हैं एवं अपने परिजनों के निकट रहती हैं 13 दिनों के लिए I
गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद के पड़ाव एवं रास्तों के विषय मे बताया गया हैं, इसलिए ऐसा माना जाता हैं कि मृतक की आत्मा भी इन 13 दिवसों तक गरुड़ पुराण का पाठ सुनती हैं I गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद के मार्ग यमलोक के विषय में बताया गया हैं, इसमें मृत्यु से पहले तथा मृत्यु के बाद की स्थितियों के विषय में विस्तार से बताया गया हैं, इसलिए कहा जाता हैं कि गरुड़ पुराण के पाठ के स्थली पर आत्मा भी पाठ सुनने आती हैं और आगे के मार्ग के बारे में जानती हैं I
मृतक को गरुड़ पुराण का पाठ, यम लोक के मार्ग के बारे में बताता है कि आगे का रास्ता किस प्रकार तय करना हैं I ताकि मृतक की आत्मा को यम मार्ग में चलने में किसी भी प्रकार की कोई समस्या ना आए I शास्त्रों के अनुसार गरुड़ पुराण का पाठ पितरों के साथ साथ, घर परिवार के सदस्यों के लिए भी होता हैं I घर के सभी सदस्यों को भी गरुड़ पुराण जरूर सुनना चाहिए I
गरुड़ पुराण में यह बताया जाता हैं कि व्यक्ति को किस कर्म के कारण क्या फल मिलता है और किस फल के कारण किस मार्ग से होकर गुजरना पड़ता है, ताकि अगले जन्म में व्यक्ति उन कार्यों को ना करें और जीवन में सद्गति को प्राप्त करें I गरुड़ पुराण का पाठ सभी व्यक्तियों को यही शिक्षा देता हैं कि कभी भी जीवन में कोई गलत कार्य या अनुचित कर्म नहीं करने चाहिए I जीवन में किए गए कर्मों का फल जीवन के उपरांत व्यक्ति को अवश्य मिलता हैं I
इस पाठ में व्यक्ति को धर्म, नीति, वैराग्य, तप एवं ज्ञान इत्यादि का बोध होता हैं I इसमें मृत्यु के बाद के बहुत से रहस्य उजागर होते हैं जैसे स्वर्ग, नर्क, तथा अन्य लोकों के साथ अन्य मार्गों के विषय मे भी बताया गया हैं I गरुड़ पुराण का पाठ करवाने से मृतक की आत्मा को शान्ति मिलती हैं तथा उसके आगे के रास्ते के लिए अनेक मार्ग खुल जाते हैं I
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