गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल (Hardik Patel) ने इन युवाओं और कांग्रेस आलाकमान के बीच मध्यस्थता की भूमिका निभाई।
नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) और गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी (Jignesh Mewani) आखिरकार कांग्रेस में शामिल हो गए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल (Hardik Patel) ने इन दोनों युवाओं और कांग्रेस नेतृत्व के बीच मध्यस्थता का काम किया है।
ऐसा माना जा रहा है कि दोनों युवाओं का कांग्रेस में शामिल होना साबित करता है कि राहुल गांधी बड़ा संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं। विशेषज्ञों की राय के अनुसार पार्टी में अब युवाओं को ज्यादा अहमियत देने की कोशिश हो रही है।
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कांग्रेस को करीब से जानने वालों का कहना है कि कन्हैया कुमार को कांग्रेस के निकट लाने में सबसे बड़ी भूमिका विधायक शकील अहमद खान ने निभाई है। बताया जा रहा है कि कन्हैया से उनके अच्छे तालमेल हैं। उन्होने राहुल गांधी से कन्हैया कुमार की मुलाकात करवाई थी।
प्रशांत किशोर का भी अहम रोल माना गया
दरअसल नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरुद्ध आंदोलन में शकील बिहार में कन्हैया के संग दिखाई दिए थे। हालांकि, इसमें चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का भी अहम रोल माना गया है। गौरतलब है कि पीके की गाइडलाइन के तहत राहुल गांधी युवा नेताओं की एक नई टीम बना रहे हैं। इसमें कन्हैया की भूमिका काफी अहम हो सकती है। कांग्रेस कन्हैया कुमार को यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में कई स्तरों पर इस्तेमाल करना चाहती है।
2019 में कन्हैया लड़ चुके हैं लोकसभा चुनाव
मूल रूप से बिहार से जुड़ाव रखने वाले कन्हैया जेएनयू में कथित तौर पर देशविरोधी नारेबाजी के मामले में गिरफ्तारी के बाद सुर्खियों आए। वे बीते लोकसभा चुनाव में बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ भाकपा के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े थे। मगर वह यहां हार गए थे। वहीं दूसरी तरफ, दलित समुदाय से जुड़े जिग्नेश गुजरात के वडगाम विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक हैं।