नई दिल्ली. ऑस्ट्रेलिया के डेरेल हेयर (DARRELL HAIR) ने 200 से अधिक इंटरनेशनल मैचों में अंपायरिंग की. लेकिन वे दुनिया के विवादास्पद अंपायर्स में से एक थे. उन्होंने श्रीलंका के दिग्गज स्पिनर मुथैया मुरलीधरन को चकिंग के आरोप में गेंदबाजी करने से रोक दिया था, तो दूसरी ओर पाकिस्तान टीम पर टेस्ट मैच के दौरान गेंद से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए जुर्माना तक लगा दिया था. विवादों के कारण आईसीसी (ICC) को उन्हें अंपायरिंग से बैन भी करना पड़ा था. एशियन टीमें उनसे नाखुश ही रहती थीं. आज डेरेल हेयर का जन्मदिन है. वे 69 साल के हो गए हैं.
डेरेल हेयर न्यू साउथ वेल्स रेलवे में क्लर्क थे. बाद में उनका खेल के कारण सिडनी ट्रांसफर कर दिया गया. वे नॉर्थ सिडनी की ओर से बतौर तेज गेंदबाज के रूप में खेले. लेकिन कम दिलचस्पी और चोट के कारण उन्होंने 33 साल की उम्र में खेलना छोड़ दिया. लेकिन खेल से जुड़े रहे. उन्होंने 1985 में अंपायर की परीक्षा पास की और 1988 में पहली बार बताैर अंपायर फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उतरे. उन्होंने एक बार कहा था कि नौकरी में अधिक पैसा नहीं होने के कारण उन्होंने अंपायरिंग चुनी थी.
टेस्ट में भारत के खिलाफ पहली बार मौका
डेरेल हेयर ने इंटरेनशनल क्रिकेट में अंपायरिंग दिसंबर 1991 में ही शुरू कर दी थी. लेकिन उन्हें टेस्ट क्रिकेट में पहली बार मौका जनवरी 1992 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में हुए चौथे टेस्ट में मिला. पहले ही मैच से उनका विवाद शुरू हो गया था. 8 बार उन्होंने भारतीय खिलाड़ियों को एलबीडब्ल्यू आउट दिया, जबकि दो बार भारतीयों की अपील को खारिज कर दिया. अगले दिन उन्होंने हर ओवर में एक शॉर्ट बॉल का नियम बना दिया. उनके कई फैसले भारतीय खिलाड़ियों के खिलाफ गए.
मुरलीधरन को गेंदबाजी करने से रोका
उनके करियर के सबसे विवादित फैसलों में से एक मुथैया मुरलीधरन को गेंदबाजी करने से रोकना था. 1995 में मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के खिलाफ मैच में उन्होंने ऑफ स्पिनर मुरलीधरन के 3 ओवर में 7 नोबॉल दीं, वो भी चकिंग के आरोप में. वहीं दूसरे छोर पर अंपायरिंग कर रहे न्यूजीलैंड के स्टीव डन को मुरलीधरन से कोई परेशानी नहीं थी. श्रीलंका के कप्तान अर्जुन रणतुंगा इस कारण टीम काे लेकर मैदान से बाहर भी चले गए थे. हालांकि वे बाद में लौट आए थे. बाद में मुरलीधरन चकिंग के आरोप से बरी भी हो गए.
पाकिस्तान टीम पर लगा दिया था छेड़छाड़ का आरोप
2006 में इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच ओवल में हुए टेस्ट के दौरान बड़ी घटना हुई. चौथे दिन डेरेल हेयर ने गेंद से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए पाकिस्तान की टीम पर पांच रनों का जुर्माना लगा दिया था. पाकिस्तान टीम ने टी के बाद इस फैसले के विवाद के बाद मैदान पर नहीं उतरने का फैसला किया. हालांकि टीम बाद में मैदान पर आई, लेकिन तब तक अंपायर ने इंग्लैंड को विजेता घोषित कर दिया था. हेयर तब भी अपने फैसले को सही ठहरा रहे थे.
2006 में अंतत: आईसीसी ने डेरेल हेयर के अंपायरिंग करने पर रोक लगा दी. सस्पेंड होने के तीन महीने बाद उन्होंने नस्लीय भेदभाव का आरोप लगाते हुए आईसीसी और पीसीबी पर मुकदमा दर्ज करने की बात कही. हालांकि बाद में उन्होंने इस मुद्दे को छोड़ दिया. इसके बाद आईसीसी ने बताया कि हेयर 6 महीने डेवलपमेंट कार्यक्रम में शामिल होंगे. हालांकि वापसी के बाद सिर्फ 2 मैच के बाद ही उन्होंने आईसीसी और अंपायरिंग से इस्तीफा दे दिया.
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