Sunday, October 3, 2021
Homeभविष्यजानिए हिन्दू धर्म में पितृपक्ष का क्या होता है महत्व और इससे...

जानिए हिन्दू धर्म में पितृपक्ष का क्या होता है महत्व और इससे जुड़ी अन्य ज़रूरी बातें


shradh 2021
– फोटो : google photo

पंचांग के अनुसार अश्विनी मास के कृष्ण पक्ष को पितृपक्ष नाम से जाना जाता है। पितृपक्ष 15 दिन का होता है जो भाद्रपद की पूर्णिमा को शुरू होता है और अश्विन की अमावस्या पर समाप्त हो जाता है। पितृपक्ष के दौरान मनुष्य अपने पूर्वजों को पानी देकर एवं वितरण उतारने के लिए श्राद्ध करता है। हिंदू धर्म में पितृपक्ष को अधिक महत्व दिया गया है। वर्तमान में पितृपक्ष शुरू होने वाला है। शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष में देव ऋण, ऋषि ऋण और पितृ ऋण का उल्लेख किया गया है। शास्त्रों में बताया गया है कि हमारे पूर्वज पितृपक्ष के दौरान पृथ्वी पर निवास करते हैं। पितृ ऋण उतारने के लिए पितृपक्ष में श्राद्ध एवं तर्पण किया जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि पितृपक्ष के दौरान जो श्रद्धा से पूर्वजों का तर्पण एवं स्वागत करता है उसे उनके पूर्वज खुशी-खुशी स्वीकार करते हैं। पित्र पक्ष को कनागत भी कहा जाता है।

आसानी से देखिए अपनी जन्म कुंडली मुफ़्त में, यहाँ क्लिक करें

पितृपक्ष का समापन अश्विनी मास की अमावस्या तिथि को हो जाता है। कहते हैं कि इस दिन पितरों का श्राद्ध अंतिम श्राद्ध होता है। इस दिन सभी पत्रों के श्राद्ध किए जाते हैं। जिन्हें अपने परिजनों की मृत्यु की तिथि की जानकारी ना हो वह भी इस दिन अपने पूर्वजों का तर्पण या श्राद्घ कर सकते हैं। वर्तमान में सर्वपितृ अमावस्या 6 अक्टूबर बुधवार को पढ़ रही है।

सनातन धर्म के अनुसार हमारे पूर्वज पितरों के रूप में पृथ्वी पर आते हैं। इस दौरान उनके लिए श्राद्ध और तर्पण करने का विधि विधान माना गया है।अगर किसी मनुष्य का विधिपूर्वक श्राद्ध और तर्पण ना किया जाए तो उसे लोग से मुक्ति नहीं मिलती और वह भूत के रूप में संसार में ही रह जाता है।देवताओं को प्रसन्न करने से पहले हमें अपने पितरों को प्रश्न करना चाहिए। यह न करने से कुंडली में दोष और घर में अशांति आ जाती है और सभी सुख के साधन बंद हो जाते हैं।

पितरों को तर्पण एवं श्राद्ध करने से घर में सुख समृद्धि और धन का वैभव प्राप्त होता है। ब्राह्मणों को श्रद्धा पूर्वक भोजन एवं दान देकर ही श्राद्ध करना चाहिए। पिंडी रूप में पितरों को दिया गया भोजन श्राद्ध का मुख्य हिस्सा होता है।यदि हमारे पूर्वज रूष्ट हो जाएं तो व्यक्ति को जीवन में कई समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। हो सकता है कि कोई कार्य इसीलिए अटका पड़ा हो क्योंकि आपके पूर्वज रुष्ट हो। घर में अशांति भी हो सकती है और धन की हानि और संतान की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए अब वर्तमान में पितृपक्ष शुरू होने वाले हैं इसलिए अपने अपने पूर्वजों के लिए तर्पण एवं श्राद्ध करें।

अगर भूल गए हो श्राद्ध करने की तिथि तो क्या करें

हमें ज्ञात है कि पितृपक्ष के दौरान अपने पूर्वजों की कोई ना कोई तिथि पर हम लोग श्राद्ध करते हैं, परंतु जो लोग पितृपक्ष में अपने परिजन की तिथि पर श्राद्ध करना भूल गए हो, वह अमावस्या की तिथि पर पितरों का श्राद्ध कर सकते हैं। इस दिन विधि विधान से किया गया श्राद्ध पितरों की आत्मा को मुक्ति पहुंचाता है और पूर्वज अपने परिजनों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं। अगर किसी व्यक्ति का विधिपूर्वक श्राद्ध तर्पण ना किया जाए तो उसे मुक्ति नहीं मिलती इसलिए अमावस्या तक विधि विधान से श्राद्ध कर देना चाहिए। जिससे घर में सुख समृद्धि और धन का वैभव प्राप्त हो।

जीवन के संकटों से बचने हेतु जाने अपने ग्रहों की चाल, देखें जन्म कुंडली

दरिद्रता से मुक्ति के लिए ज़रूरी है अपने ग्रह-नक्षत्रों की जानकारी, देखिए अपनी जन्म कुंडली मुफ़्त में

आपके स्वभाव से लेकर भविष्य तक का हाल बताएगी आपकी जन्म कुंडली, देखिए यहाँ

 





Source link

Previous articleजब अंशुमान गायकवाड़ ने पाकिस्तान के खिलाफ 11 घंटे बैटिंग कर जड़ा था टेस्ट का सबसे धीमा दोहरा शतक
Next article2797 साल पहले हुई थी मौत, वैज्ञानिकों ने बना दिया मरने वालों का चेहरा; जानिए कैसे
RELATED ARTICLES

Horoscope Today 03 October 2021: इन 5 राशि वालों को होगा धन लाभ, जानें कैसा रहेगा आपका रविवार?

जानिए अहोई अष्टमी के व्रत को करने की सही पूजन विधि, मुहूर्त और महत्व

जानिए सर्वपितृ अमावस्या वाले दिन बनने वाले योगों का क्या होगा इस राशि पर प्रभाव

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

100 Mystery Buttons But Only One Will Let You Escape! | Button Challenge by RATATA YUMMY

RR vs CSK: राजस्थान के हाथों मिली हार के बाद धोनी को सताई इन दो खिलाड़ियों की याद

इन आदतों से बढ़ता है किडनी फेल होने का खतरा, भूल कर भी न करें यह काम

इन आदतों से बढ़ता है किडनी फेल होने का खतरा, भूल कर भी न करें यह काम