चक्रवाती तूफान मोंथा के खतरे पर झारखंड में येलो अलर्ट, 28-31 अक्टूबर तक भारी बारिश की चेतावनी

चक्रवाती तूफान मोंथा के खतरे पर झारखंड में येलो अलर्ट, 28-31 अक्टूबर तक भारी बारिश की चेतावनी

झारखंड के लाखों लोगों के लिए अगले चार दिन बहुत अहम होने वाले हैं। मौसम विभाग, रांची ने 26 अक्टूबर, 2025 को चक्रवाती तूफान मोंथा के प्रभाव के कारण 28 अक्टूबर से 31 अक्टूबर, 2025 तक पूरे राज्य में येलो अलर्ट जारी कर दिया है। ये अलर्ट केवल एक सामान्य चेतावनी नहीं — ये एक ऐसा इशारा है जो बताता है कि अगले कुछ दिनों में आम जीवन कैसे उलट-पुलट हो सकता है। बंगाल की खाड़ी में बने इस तूफान का असर झारखंड के दक्षिणी और पूर्वी जिलों में सबसे ज्यादा देखने को मिलेगा, और यहाँ तक कि रांची जैसे शहरों में भी बारिश का तूफान आ सकता है।

कौन-कौन से जिले खतरे के दायरे में हैं?

मौसम विभाग की डिटेल्ड रिपोर्ट के मुताबिक, बारिश का दायरा धीरे-धीरे राज्य भर में फैल रहा है। 28 अक्टूबर को दक्षिण-पश्चिमी जिले — जैसे पश्चिमी सिंहभूम, लातेहार, लोहरदग्गा — इसके सबसे पहले प्रभावित होंगे। 29 अक्टूबर को अलर्ट दक्षिणी और उत्तर-पूर्वी जिलों तक फैल जाएगा: रांची, गुमला, खुंटी, दुमका, गोडा, साहिबगंज, और पाकुड़

30 अक्टूबर को अलर्ट और भी विस्तृत होगा — गढ़वा, पलामू, चतरा, रामगढ़, बोकारो, गिरिडीह, और हजारीबाग भी इस लिस्ट में शामिल हो जाएंगे। अंतिम दिन, 31 अक्टूबर, को फिर से दुमका, गोडा, पाकुड़, और साहिबगंज को अलर्ट के दायरे में रखा गया है।

कितनी बारिश और कितनी तेज़ हवाएं?

ये सिर्फ बारिश नहीं है। ये तूफानी बारिश है — जिसमें कहीं-कहीं घंटे भर में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज़ हवाएं चल सकती हैं। अगर आपने कभी बारिश के साथ लकड़ी के टुकड़े उड़ते देखे हैं, या बिजली के खंभे हिलते हुए देखे हैं, तो आप जानते हैं कि ये कितना खतरनाक हो सकता है। मौसम विभाग ने खास तौर पर पूर्वी झारखंड के लिए बिजली गिरने की चेतावनी भी जारी की है।

27 अक्टूबर को ही रांची में बादल छाने से महसूस हुआ कि कुछ अलग होने वाला है। अधिकतम तापमान 29°C रहा — जो इस महीने के लिए असामान्य ठंड थी। जमशेदपुर और चाईबासा जैसे शहरों में भी तापमान 32-33°C के बजाय 2-3°C कम रहा। अगले तीन दिनों में ये गिरावट 3-5°C तक बढ़ सकती है। ये ठंड आमतौर पर नवंबर में आती है — लेकिन अब अक्टूबर के अंत में।

किसानों के लिए अहम सलाह

किसानों के लिए अहम सलाह

ये बारिश किसानों के लिए एक दोहरा खतरा है। अगर आपने अभी खेतों में फसल लगाई है, तो ये बारिश आपकी मेहनत को बर्बाद कर सकती है। मौसम विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं: बारिश के आने वाले क्षेत्रों में सिंचाई न करें। बल्कि, फसलों को ढकने के लिए प्लास्टिक या नेट का इस्तेमाल करें। अगर खेत में पानी जमा हो गया, तो जल्द से जल्द निकालें — नहीं तो जड़ें खराब हो जाएंगी।

धनबाद और बोकारो जैसे उद्योगी जिलों में भी फसलें बहुत ज्यादा हैं — खासकर आलू, चावल और अनाज। अगर ये फसलें बर्बाद हो जाएं, तो अगले दो महीनों में बाजार में कीमतें उछाल पर चढ़ सकती हैं।

सामान्य नागरिकों के लिए क्या करें?

ये अलर्ट सिर्फ सरकारी दस्तावेज नहीं — ये आपके लिए एक जीवन-बचाने वाला निर्देश है। अगर आप रांची, जमशेदपुर या दुमका में रहते हैं, तो अगले चार दिनों में घर से बाहर निकलने से बचें। अगर निकलना ही पड़े, तो बारिश और तेज़ हवाओं के दौरान ट्रीज, बिजली के खंभे और अनावृत बिजली के तारों से दूर रहें।

मौसम विभाग के मुताबिक, अगले दो दिनों में तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा, लेकिन 28 अक्टूबर के बाद तापमान में गिरावट शुरू होगी। ये ठंड अचानक आने वाली है — खासकर रात को। बुजुर्ग और बच्चों के लिए ये खतरनाक हो सकता है।

पिछले साल क्या हुआ था?

पिछले साल क्या हुआ था?

2024 में भी झारखंड पर चक्रवाती तूफान का असर हुआ था — चक्रवात फानी के बाद दुमका और साहिबगंज में बाढ़ आई थी। उस बार 17 लोगों की मौत हो गई थी, और 5000 से ज्यादा घर बर्बाद हुए। अब ये तूफान मोंथा उससे कम तीव्र है, लेकिन अगर राज्य की तैयारी नहीं है, तो नुकसान उतना ही बड़ा हो सकता है।

इस बार सरकार ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है — आपातकालीन टीमें तैनात हो चुकी हैं, और जिला प्रशासन ने अस्पतालों और आश्रय केंद्रों को तैयार करने के निर्देश दिए हैं। लेकिन असली ताकत आम नागरिकों की है — जो चेतावनी को नजरअंदाज न करें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या यह चक्रवाती तूफान मोंथा झारखंड में बाढ़ का कारण बन सकता है?

हाँ, खासकर दुमका, साहिबगंज और पाकुड़ जैसे नदियों के किनारे वाले जिलों में। ये क्षेत्र पहले से ही जल निकासी की समस्या से जूझ रहे हैं। अगर 30-40 मिमी बारिश लगातार 24 घंटे तक हो जाए, तो नदियाँ बाढ़ के दायरे में आ सकती हैं। जिला प्रशासन ने इन क्षेत्रों के लिए आपातकालीन निकासी योजना तैयार कर ली है।

क्या बिजली कटौती की संभावना है?

बिल्कुल। तेज़ हवाओं और बिजली गिरने की चेतावनी के कारण, बोकारो, रांची और जमशेदपुर में बिजली की आपूर्ति में बाधा आ सकती है। बिजली विभाग ने टीमें तैनात कर दी हैं, लेकिन घरों में बैटरी या लाइट की व्यवस्था कर लेना बेहतर होगा।

क्या स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे?

अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन रांची, गुमला और दुमका जैसे जिलों में स्थानीय प्रशासन अगले 24 घंटों में निर्णय लेने वाला है। अगर बारिश भारी हो गई, तो बंद करने की संभावना 80% है। अभी तक किसी भी स्कूल को बंद करने का आदेश नहीं दिया गया है।

क्या ये तूफान दिल्ली या बिहार तक पहुँच सकता है?

नहीं। ये तूफान अपनी ऊर्जा झारखंड और पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों में खो देगा। बिहार के कुछ दक्षिणी जिले — जैसे गया और पटना — थोड़ी बारिश के लिए प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन दिल्ली या उत्तर प्रदेश तक इसका असर नहीं होगा।

क्यों इस तूफान का नाम मोंथा है?

चक्रवातों के नाम दक्षिण एशिया के 13 देशों ने मिलकर तय किए हैं। "मोंथा" थाईलैंड ने दिया है, जिसका अर्थ है "चाँद"। ये नाम अक्सर शांत और सुंदर अर्थ रखते हैं — लेकिन इनका असली असर बिल्कुल विपरीत होता है।

अगले कितने दिनों तक बारिश रहेगी?

31 अक्टूबर के बाद बारिश कम होने लगेगी, लेकिन 1 नवंबर को भी कुछ जिलों में हल्की बारिश की संभावना है। अगले सप्ताह तापमान अधिकतम 26-28°C तक रह सकता है — जो अक्टूबर के लिए नॉर्मल है। अब तक की बारिश असामान्य थी, लेकिन अगले 10 दिनों में मौसम सामान्य हो जाएगा।

आर्यन व्यास
आर्यन व्यास
मैं आर्यन व्यास हूँ, और मेरी विशेषज्ञता सामान्य हित, सरकार, स्वास्थ्य देखभाल, और समाचार के क्षेत्रों में है। मैं भारतीय जीवन, संस्कृति और विविधता के बारे में लिखने का शौक रखता हूं। मेरा उद्देश्य हमारे समाज की समस्याओं के समाधान करने में मदद करना है। यहाँ तक कि सरकार और स्वास्थ्य देखभाल की नीतियों के प्रति जागरूकता बढ़ाने में मेरी लेखन शैली काम आती है। मैं लगातार ताज़ा और उपयोगी जानकारी प्रदान करने के लिए समाचार और विश्लेषण पर काम करता हूं।

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