देश की राजधानी दिल्ली में हाल ही में एक मामला सामने आया जहां आरटीओ की फर्जी वेबसाइट बनाकर शातिर चोर ने लोगों से 70 लाख रुपये की ठगी को अंजाम दिया, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपी ने आरटीओ की फर्जी वेबसाइट की मदद से करीब 3,300 लोगों को अपना शिकार बनाया. इस तरह के मामले देश में बढ़ते ही जा रहे हैं. क्योंकि आजकल सबकुछ ऑनलाइन हो रहा है ऐसे में साइबर क्राइम को भी बढ़ावा मिला है. लेकिन हम आज आपको बता रहे हैं ये शातिर चोर कैसे फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को ठगते हैं और इनसे कैसे बचा जाए.
ऐसे होता है फ्रॉड
दूसरे फ्रॉड की तरह अब RTO के फ्रॉड भी फिशिंग के जरिए किए जा रहे हैं. ये फ्रॉड स्पैम मेल के जरिए आपकी निजी जानकारी चरा ली जाती है. और ई-मेल पर आपको लिंक दिया जाता है जो कि इस तरह की फर्जी वेबसाइट पर आपको ले जाता है. दिखने में ये वेबसाइट बिल्कुल ऑफिशियल लगती है लेकिन होती नहीं है. इसके बाद आपसे आपके क्रेडिट कार्ड या फिर डेबिट कार्ड की डिटेल भरने के लिए कहकर सारे पैसे चोरी कर लिए जाते हैं.
RTO के नाम पर फर्जीवाड़े से ऐसे बचें
क्योंकि आजकल RTO से जुड़े ज्यादातर काम भी ऑनलाइन ही होने लगे हैं तो इससे जुड़े फर्जीवाड़े भी ऑनलाइन ही हो रहे हैं. ऐसे में हमेशा याद रखें कि https वाली वेबसाइट पर ही भरोसा करें. https वाली वेबसाइट दूसरी वेबसाइट की तुलना में सुरक्षित होती है. पेमेंट करने और पासवर्ड बदलने की प्रक्रिया पर SMS अलर्ट सुविधा जरूर लेनी चाहिए, इससे अगर कोई आपका पासवर्ड बदलने कोशिश करेगा या फिर आपके क्रेडिट या फिर डेबिट कार्ड से पेमेंट करेगा तो आपके पास अलर्ट मैसेज आ जाएगा. याद रखें कि अपना पासवर्ड और समय-समय पर बदलते रहें. आखिर सबसे जरूरी बात ये है कि कभी भी अपना पिन नंबर या फिर नेट बैंकिंग का पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड डिटेल्स और यूपीआई पिन किसी के साथ भी शेयर न करें.
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