Yoga Session With Savita Yadav : प्राणायाम (Pranayama) एक गहरा विषय है जिसे योगाभ्यास (Yoga) में आसन से भी अधिक महत्व दिया जाता है. आसन हमें शारीरिक रूप से द्रढ़ बनाते हैं और प्राणायाम हमें ध्यानात्मक और आसन में रहने के लिए संयमित करते हैं. प्राणायाम हमारे शरीर और मन में संतुलन पैदा करने का काम करते हैं. प्राणायाम आप तभी कर पाएंगे जब आपको एक जगह स्थिर मन से बैठने की आदत पड़ जाएगी. ऐसे में प्राणायाम करने के लिए आपको स्थिर मन से एक जगह बैठने की जरूरत होती है. इसका अभ्यास करने पर शरीर की सूक्ष्म से सूक्ष्म नाड़ी भी बेहतर तरीके से काम करने में सक्षम होती है. कई लोगों का मन शुरुआती स्तर पर चंचल बना रहता है लेकिन अगर आप रोज अकेले में एकाग्रचित होकर सजगता के साथ शांत मन से 15 से 20 मिनट रोज प्राणायाम करें तो आपको अपने शरीर में अद्भुत परिवर्तन नजर आने लगेगा. अगर आप प्राणायाम के बाद अनुलोम विलोम (Anulom Vilom) का किसी विशेषज्ञ की निगरानी में अभ्यास करें और लाइफस्टाइल को बेहतर बनाएं तो आप मानसिक रूप से भी खुद को बेहतर महसूस करेंगे.
आइए, योग प्रशिक्षिका सविता यादव (Savita Yadav) से जानते हैं सूक्ष्मयाम और प्राणायाम करने का सही तरीका–
सबसे पहले अपने मैट पर बैठें और कमर गर्दन सीधी रखें.
दोनों हाथों को कान के पास उपर ले जाएं और अच्छी तरह से स्ट्रेच करें.
गहरी सांस छोड़ते हुए धीरे से हाथों को नीचे ले आएं.
शरीर को ढीला छोडें और आंखों को बंद कर ध्यान केंद्रित करें.
बंद आंखों से अपने सिर से पैर तक को महसूस करें और देखने का प्रयास करें.
अपनी हर आती जाती सांस को देखने का प्रयास करें. किसी भी मंत्र का जाप करें.
धीरे से अपनी आंखें खोलें और पैरो को आगे की तरफ फैलाएं.
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कपालभाति के अभ्यास का तरीका
पैरों को फोल्ड कर बैठने का अभ्यास करें.
गौमुखासन आसन में बैठें.
सीधे बैठकर पीछे की तरफ हाथों को पीछे पीठ की तरफ लें और दोनों हाथों को पकड़ने का प्रयास करें.
आप गौमुखासन मुद्रा में बैठने की प्रक्रिया को बदल बदल कर 10 बार अभ्यास करें.
अब इसी तरह बैठकर हाथों को अपने तलबे पर रखें और 10 सेंकेंड तक रखें और पैरों को बदलकर फिर से 10 सेकेंड तक इसे करें.
अब इसी मुद्रा में दोनों हाथों को पीछे पीठ की तरफ ले जाकर पकड़ें और 10 बार बदलबदल कर करें. ऐसा करने से आपको रक्त संचार अच्छा होता है.
अब आप इसी तरह बैठकर सांस को इनहेल और एक्सेल करते हुए अपने दाहिने और बाएं झुकते हुए हाथों को उपर कर 10 बार स्ट्रेच करें.
अब दोनों पैरो को आगे की ओर फैला लें और काउंटिंग के साथ अपने पीछे की तरफ फर्श पर झुककर अपने चेहरे से छूने का प्रयास करें. ऐसा आप दाहिने और बाए तरफ झुक झुकर 10 बार करें.
गर्दन या पीठ में दर्द है तो पद्मासन में बैठे और गर्दन को दोनों तरफ 10 बार स्ट्रेच करें. ये उनके लिए बहुत फायदेमंद है जो दिनभर वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं और दर्द से परेशान रहते हैं.
अब पद्मासन में बैठकर गर्दन को सर्कल मोशन में चारों तरफ घुमाएं.
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कपालभाति करने का तरीका
योग मैट पर पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं.
रीढ़ की हड्डी सीधी रहेगी.
दोनों हथेलियों को घुटने पर रखें.
हथेलियां आकाश की तरफ खुली रहेंगी.
गहरी सांस को भीतर की तरफ खींचें.
सांस छोड़ते हुए पेट को खींचें.
नाभि को रीढ़ की हड्डी की तरफ खींचें.
उतना ही बल लगाएं, जितना सहजता से लग जाए.
पेट में असुविधा होने पर हाथ को पेट पर रख सकते हैं.
सहज होते हुए नाभि और पेट को ढीला छोड़ दें.
इस प्रक्रिया को 20 बार दोहराने पर एक राउंड पूरा हो जाएगा.
इस प्रक्रिया को 3 राउंड या 80 सांसों तक दोहराया जा सकता है.
इसे करने से आपको फेफड़ा और डाइजेशन सिस्टम मजबूत होता है.
जिन लोगों को सेहत से जुड़ी समस्या है तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
अनुलोम विलाम करने का तरीका
योग मैट पर सुखासन या पद्मासन में बैठ जाएं.
रीढ़ की हड्डी सीधी रहेगी.
दोनों हथेलियों को घुटने पर रखें.
हथेलियां आकाश की तरफ खुली रहेंगी.
गहरी सांस को भीतर की तरफ खींचें.
सांस छोड़ते हुए पेट को खींचें.
नाभि को रीढ़ की हड्डी की तरफ खींचें.
उतना ही बल लगाएं, जितना सहजता से लग जाए.
अब एक नाक बंद कर गहरी सांस लें और कुछ सेकेंड रोक कर रखें.
फिर दूसरी नाक से सांस को पूरी तरह निकाले और कुछ देर रखें.
यह प्रकिया 20 से 30 बार दोहराएं.
ध्यान रहे कि योगाभ्यास अपनी क्षमता अनुसार ही करना है.
इस दौरान श्वास-प्रश्वास और व्यायाम से जुड़े विशेष नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है.
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