Sunday, March 20, 2022
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WhatsApp पर फेक न्‍यूज को पहचानने का यह है तरीका


वॉट्सऐप (WhatsApp) का इस्तेमाल फेक न्यूज और गलत इन्‍फर्मेशन फैलाने के लिए भी किया जाता है। हालांकि फेक न्‍यूज के सर्कुलेशन को रोकने लिए वॉट्सऐप, फीचर्स की एक लिस्‍ट लागू करने का दावा कर रहा है। वॉट्सऐप यूजर्स को आए दिन अनवेरिफाइड सूचनाएं मिलती हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि वॉट्सऐप पर मिलने वाली जानकारी को आप कैसे वेरिफाइड यानी सत्‍यापित कर सकते हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध, हाल में पूरे हुए 5 राज्‍यों के  विधानसभा चुनाव और तमाम राजनीतिक-सामाजिक पहलुओं को देखते हुए वॉट्सऐप पर मिलने वाली अनवेरिफाइड सूचनाओं को वेरिफाइ करना प्रासंगिक हो जाता है।  

देश में कम से कम 10 फैक्‍ट-चेक ऑर्गनाइजेशंस के पास वॉट्सऐप पर अपनी टिपलाइन है, ताकि यूजर्स उन्‍हें मिली जानकारी को वेरिफाई कर सकें। इन टिपलाइनों को इंटरनेशनल फैक्ट-चेकिंग नेटवर्क (IFCN) द्वारा वेरिफाई किया जाता है। इन ऑर्गनाइजेशंस की मदद से फोटो, वीडियो और वॉयस रिकॉर्डिंग समेत अन्‍य कंटेंट को वेरिफाई किया जा सकता है। ये अंग्रेजी, हिंदी, बंगाली, मराठी और पंजाबी समेत 11 भारतीय भाषाओं को सपोर्ट करते हैं। 
 

भारत में वॉट्सऐप पर फैक्ट-चेकिंग टिपलाइन्स 

वॉट्सऐप पर मौजूद फैक्‍ट चेकर्स का इस्‍तेमाल करके फर्जी खबरों की पहचान की जा सकती है और इन्‍फर्मेशन को वेरिफाई किया जा सकता है। ये इस प्रकार हैं। 

AFP: +91 95999 73984
बूम: +91 77009-06111 / +91 77009-06588
फैक्‍ट क्रेस्केंडो: +91 90490 53770
फैक्‍टली: +91 92470 52470
इंडिया टुडे: +91 7370-007000
न्यूजचेकर: +91 99994 99044
न्यूजमोबाइल: +91 11 7127 9799
क्विंट WebQoof: +91 96436 51818
द हेल्‍दी इंडियन प्रोजेक्‍ट : +91 85078 85079
विश्वास न्‍यूज : +91 92052 70923 / +91 95992 99372

इन टिपलाइन्‍स के अलावा IFCN के पास खुद का डेडिकेटेड वॉट्सऐप चैटबॉट है, जो यूजर्स को उन्‍हें मिली इन्‍फर्मेशन वेरिफाई करने में मदद करता है। 
 

वॉट्सऐप पर कैसे करें फैक्ट-चेक 

यूजर्स को इन फैक्ट-चेकिंग टिपलाइन्‍स के नंबर को अपने कॉन्टैक्ट्स में सेव करना होगा या उनके लिंक्स पर क्लिक करना होगा। इसके बाद उन्हें वॉट्सऐप पर ‘Hi’ भेजना होगा। क्‍योंकि ये टिपलाइन चैटबॉट होती हैं, इसलिए आप जिस इन्‍फर्मेशन को फीड करेंगे, उसे वेरिफाई करने में उन्हें कुछ समय लगता है। इन फैक्ट-चेकिंग टिपलाइन का प्रमुख मकसद यूजर्स को फोटो, वीडियो, वॉइस और टेक्स्ट मेसेज के रूप में मिलने वाली जानकारी को वेरिफाई करना है। हम आपको इनके बारे में और जानकारी दे रहे हैं। 

AFP : AFP फैक्ट चेक टिपलाइन को टेक्स्ट मेसेज, वीडियो और फोटोज की हकीकत चेक करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं को सपोर्ट करता है। 

बूम : AFP की तरह बूम भी अंग्रेजी और हिंदी भाषाओं को सपोर्ट करता है। यह बंगाली भाषा में भी काम करता है। यूजर्स इसकी मदद से उन्‍हें मिलीं फोटो, वीडियो, ऑडियो और टेक्स्ट को वेरिफाई कर सकते हैं। बूम के न्यूजलेटर को भी सब्‍सक्राइब किया जा सकता है। 

फैक्ट क्रेस्केंडो : यह 9 भाषाओं को सपोर्ट करता है। इनमें बंगाली, अंग्रेजी, गुजराती, हिंदी, मराठी, ओडिया और तमिल शामिल हैं। यूजर्स की जानकारी को वेरिफाई करने के अलावा यह COVID-19 से जुड़ी जानकारी भी देता है। 

फैक्टली : इसके जरिए किसी आर्टिकल, वीडियो और बाकी कंटेंट को व‍ेरिफाई किया जा सकता है। यूजर फैक्टली के न्यूजलेटर का सब्‍सक्रिप्‍शन भी ले सकते हैं। यह सिर्फ अंग्रेजी में ही काम कर सकता है।

इंडिया टुडे: फैक्टली की तरह इंडिया टुडे ग्रुप, फैक्ट चेक यूजर्स को मेसेज, फोटो या वीडियो के रूप में अपनी जानकारी सबमिट करने देता है। यह अंग्रेजी के अलावा हिंदी को भी सपोर्ट करता है। 

न्‍यूजचेकर : यह अंग्रेजी, गुजराती, हिंदी, मराठी, पंजाबी और उर्दू समेत 9 भाषाओं में काम करता है। इसके जरिए यूजर्स उन्‍हें मिले संदिग्ध मेसेज, फोटो और वीडियो को वेरिफाई कर सकते हैं। इसी तरह बाकी फेक्‍ट चेकर्स भी यूजर्स को मिलने वाले अनवेरिफाइड मेसेज सत्‍यापित करने में मदद करते हैं। 
 



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