Sunday, February 6, 2022
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Weather Change February 2022 : सूर्य नक्षत्र परिवर्तन दे रहा मौसम में होने वाले बदलावों का संकेत


सूर्य नक्षत्र परिवर्तन दे रहा मौसम में होने वाले बदलावों का संकेत 
– फोटो : google

ज्योतिष शास्त्र मेदिनी ज्योतिष के आधार पर समस्त भूमण्डल की घटनाओं को जानने में मदद मिलती है. मेदिनी ज्योतिष शास्त्र का वो महत्वपूर्ण अंग है जो भौगौलिक स्थिति से संबंधित समस्त घटनाओं की भविष्यवाणी हेतु उपयोग में लाया जाता है. इसमें मुख्य रुप से नक्षत्रों के आधार पर भौगौलिक स्थिति को समझा जाता है. वर्ष या अन्य प्रकार की प्रकृतिक घटनाओं को समझने में यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण साधन बनता है. वर्षा से संबंधित पूर्वानुमानों में यदि सूर्य का गोचर ध्यान में रखें तो अभी 3 फरवरी को श्रवण नक्षत्र के चौथे चरण में होगा और फिर 6 फरवरी में धनिष्ठा में सूर्य का बदलाव होगा और इसी के साथ ही सूर्य, शनि ओर बुध की स्थिति मकर राशि में होने ओर शुक्र के साथ मंगल का होना वर्षा के लिए अभी के समय में मिलेजुले फलों को ही दिखाता है और ये समय अचानक से होने वाले मौसम के बदलाव का महत्वपुर्ण कारण बना है. आज के मौसम में होने वाले बदलाव का नक्षत्र बदलाव की स्थिति से काफी प्रभावित रहा है और अभी आने वाले कुछ दिन में इसी प्रकार की स्थिति हमे देखने को मिल सकती है. 

वर्ष से संबंधित घटना चक्र में स्थिति एवं ग्रहों की युति का प्रभाव भी काफी महत्वपूर्ण होता है. इस समय ज्योतिष गणना के अनुसार, बारिश की स्थिति असामान्य ही रह सकती है क्योंकि तीन ग्रहों की स्थिति के साथ शुक्र-मंगल योग का योग इस पर गहरा असर डालता है और बारीश की संभावनाओं को प्रभावित करता है. पश्चिमी विक्षोभ में होने वाले बदलाव के कारण 24 घंटों के दौरान देश भर में हुई मौसमी हलचल में अचानक बदलाव दिखाई दे सकता है. 

अरुणाचल प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है. इसी के साथ नक्षत्र बदलाव की स्थिति असम, मेघालय में हल्की से मध्यम बारिश की स्थिति को दर्शाती है. उत्तर प्रदेश, पंजाब के कुछ हिस्सों में कोहरा छाया रहा सकता है. जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में कुछ बारिश और हिमपात की संभावना देखने को मिल सकती है और दिल्ली एनसी आर वाले भी इससे बच नही पाएंगे. 

वर्षा के लिए ज्योतिष में आद्रा नक्षत्र, भद्रा, शतभिषा, चित्रा, उत्तरा, भाद्रपद, पुष्य शतभिषा, पूर्वाषाढा़, धनिष्ठा, श्रवण नक्षत्र जल मंडल के नक्षत्र माने जाते हैं. इन नक्षत्रो में ग्रहों के विशेष योग बनने पर बारिश होती है और ये नक्षत्र वर्षा के लिए महत्वपूर्ण होते हैं इसी के साथ ग्रह युति का प्रभाव अब आने वाले दिनों में हमें इसी से प्रभावित कर सकता है तो अब घर से बाहर निकलने से पूर्व छाता साथ रख लेने से परहेज न करें ओर मौसम के साथ अपनी रफ्तार को कम न होंने दीजिए. 

 





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