ग्वालियर के साइबर जोन पुलिस अधीक्षक सुधीर अग्रवाल ने कहा, “ठगों ने जिस नम्बर का इस्तेमाल किया उसे टेलीकॉम कंपनी ने किसी दूसरे शख्स की आईडी पर जारी किया था। उसके बाद पता चला कि जुर्म में शामिल लोगों के लिए सिम कार्ड जारी करने में 8 लोग शामिल थे।”
इस मामले में और गहराई से जांच-पड़ताल करने के बाद पुलिस को पता चला कि ठगों ने लोगों को लूटने के लिए इन सिम कार्डों का इस्तेमाल करके 20 हजार अलग-अलग नम्बरों से कॉल किया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि सिम कार्ड जारी करने में शामिल आठ लोगों के खिलाफ एक साल से अधिक समय तक कानूनी कार्रवाई की गई है।
पड़ताल के बाद साइबर यूनिट ने Vodafone-Idea, Airtel और BSNL समेत विभिन्न टेलीकॉम कंपनियों को इन नंबरों के री-वैरिफिकेशन के लिए नोटिस जारी किया था। नोटिस पर तेजी से कार्रवाई करते हुए Vodafone-Idea ने हाल ही में रिकॉर्ड के दोबारा वैरिफिकेशन के बाद 7,948 सिम कार्डों को ब्लॉक कर दिया।
अग्रवाल ने दावा किया कि देश में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी टेलीकॉम कंपनी ने भोले-भाले लोगों को ठगी से बचाने के लिए इतनी बड़ी संख्या में सिम कार्डों को ब्लॉक किया है। उन्होंने कहा कि अन्य टेलीकॉम कंपनियां भी अपने रिकॉर्ड्स की री-वैरिफिकेशन करने में लगी हैं ताकि इस तरह के फर्जी सिम कार्ड्स को ब्लॉक किया जा सके।
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