घर मे होगा सकारत्मक ऊर्जा का संचार, जानें फर्नीचर से जुड़े करें कुछ बदलाव
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घर मे होगा सकारत्मक ऊर्जा का संचार, जानें फर्नीचर से जुड़े करें कुछ बदलाव
ऊर्जा का जीवन में बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहता है। व्यक्ति के अंदर जैसी ऊर्जा का संचार होता है उसका जीवन उसी प्रकार का होने लगता हैं। जैसे कि यदि कोई व्यक्ति सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण हैं तो उसका जीवन सकारात्मक रहता है और उसे जीवन में तरक्की और कामयाबी मिलती है। वहीं एक व्यक्ति जिसके अंदर नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है उसका जीवन दुख और बाधाओं से घिरा रहता है। आज हम आपको बताएंगे की फर्नीचर से वास्तु शास्त्र का क्या ताल्लुक है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का फर्नीचर किस प्रकार का रखना अच्छा होता है।
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सभी के घर में एक लिविंग रूम जरूर होता है जिसे ड्रॉइंग रूम भी कहते हैं। इसमें घर के सदस्य ज्यादा समय बिताते हैं और साथ ही आने वाले मेहमान भी इसी कमरे में बैठते हैं। जिसके चलते इस कमरे का महत्व और बढ़ जाता है। यदि मेहमान इस कमरे में प्रवेश करेंगे वही कमरा उनको अच्छा नहीं लगेगा और उसमें नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो रहा होगा तो ऐसे में आपके जानने वालों से आपके रिश्ते भी बिगड़ सकते हैं। इसलिए इस कमरे में कभी भी बहुत ज्यादा फर्नीचर न लगाएं क्योंकि यह ऊर्जा में बाधा उत्पन्न करता है और साथ ही नकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करने लगता है। जिसके चलते परिवार के लोगो के बीच भी तनाव की स्थिती बढ़ जाती ।
जब हम अपने घर के लिए फर्नीचर खरीदना चाहते हैं तो उसके रंग और डिजाइन पर तो ध्यान बहुत अच्छे से देते हैं। चाहते हैं कि हम प्रचलन में चल रहे रंग और डिजाइन वाला फर्नीचर लाए। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के लिए फर्नीचर खरीदते समय रंग और डिजाइन के साथ साथ फर्नीचर किस प्रकार की लकड़ी से बना है इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए। जैसे कि यदि फर्नीचर बरगद या पीपल के पेड़ की लकड़ी से बना है तो उस फर्नीचर को ना लें क्योंकि ऐसा फर्नीचर घर में रखना शुभ नहीं माना जाता है। घर का फर्नीचर खरीदते समय हमेशा याद रखें कि आप सागवान, शीशम, अशोक, अर्जुन, नीम या साल की लकड़ी से बना फर्नीचर ही खरीदे। इन पेड़ों की लकड़ी से बना फर्नीचर इस्तेमाल करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और यह घर के लिए शुभ भी माना जाता है।
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घर का फर्नीचर खरीदते समय वास्तु शास्त्र में एक और चीज़ का ध्यान रखने के लिए कहा गया है। वह है फर्नीचर का आकार, फर्नीचर का हर प्रकार का आकार होता है और इनका वास्तुशास्त्र में जिक्र भी मिलता है कि घर में किस प्रकार के फर्नीचर को रखना शुभ माना गया है। वास्तु शास्त्र के अनुसार पलंग के सिरहाने पर जो आकृतियाँ बनी होती है उनका ध्यान रखना चाहिए कि वह किसी हिंसक जानवर की आकृति ना हो जैसे कि सिंह या बाज की वह आकृतियां अच्छी और शुभ नहीं मानी जाती है। ऐसी आकृतियां मन की वृत्ति को खराब करने के साथ साथ पारिवारिक जीवन को भी खराब करती है। पलंग के सिरहाने पर ऐसी आकृतियां बनवानी चाहिए जो अच्छी और शुभ रहती है। घर के लिए चौकोर आकार वाला फर्नीचर शुभ माना जाता है।
जब फर्नीचर खरीद लाते हैं तो उसके बाद बात आती है की किस प्रकार का फर्नीचर कहाँ रखें। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में फर्नीचर को इस प्रकार से रखना चाहिए कि जो फर्नीचर वजन में हल्के हैं उन्हें पूर्व या उत्तर दिशा में रखें वहीं कुछ फर्नीचर घर में ऐसे भी होते हैं जो काफी वजनदार होते हैं तो उस प्रकार के फर्नीचर को घर में दक्षिण दिशा में रखना चाहिए।
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