10:13 AM, 05-Feb-2022
मान्यताएं
सृष्टि के आरंभ में ब्रह्मा जी ने संसार में वाणी के उत्पत्ति के लिए भगवान विष्णु के आदेश पर भगवती सरस्वती को अवतरित को किया था। ब्राह्मा जी ने अपने कमंडल से जल छिड़कर देवी सरस्वती को अवतरित किया था। जल की पवित्र बुंदे पृथ्वी पर गिरते ही भगवती सरस्वती चतुर्भुज अवतरित हुईं। भगवती सरस्वती के चारों भुजाओं में क्रमशः वीणा, मुद्रा, वेद और माला थी। भगवती सरस्वती के अवतरण के बाद ही सृष्टि में पहली बार संगीत का जन्म हुआ।
08:35 PM, 04-Feb-2022
पौराणिक कथाओ के अनुसार इस दिन कामदेव और रति की पूजा करने से दाम्पत्य जीवन सुखमय बनता है और खुशिओ का आगमन होता है। कहते है जिस व्यक्ति के विवाह में देरी हो रही है या अड़चने आ रही है तोह इस दिन इनकी पूजा से विवाह योग बनने लग जाते है।
बसंत पंचमी को सरस्वती पूजन करें, बुद्धि-विवेक-ज्ञान की बढ़ोत्तरी, मिलेगी हर परीक्षा में सफलता
08:12 PM, 04-Feb-2022
प्रचलित मान्यताओं के अनुसार ज्ञान, कला, संगीत और विज्ञान की देवी सरस्वती का जन्म इसी दिन हुआ था और लोग ज्ञान प्राप्त करने के लिए उनकी पूजा करते हैं। एक लोकप्रिय लोककथा यह है कि कवि कालिदास, ज्ञान प्राप्त करने से पहले एक साधारण व्यक्ति थे, जिन्हें एक ऐसी राजकुमारी से शादी करने के लिए धोखा दिया गया था जो उनका सम्मान नहीं करती थी। एक उदास कालिदास ने आत्महत्या करने की कोशिश की लेकिन देवी सरस्वती उनके सामने प्रकट हुईं और उन्हें नदी में डुबकी लगाने के लिए कहा। उसे जो करने के लिए कहा गया था, उसे करने पर, वह पानी से एक बुद्धिमान, जानकार और संस्कारी व्यक्ति के रूप में उभरा, जो अंततः एक प्रसिद्ध कवि बन गया। ऐसा माना जाता है कि इस दिन देवी की पूजा की जाती है ताकि वह अपने भक्तों को इसी तरह का उपहार दे सकें।
बसंत पंचमी को सरस्वती पूजन करें, बुद्धि-विवेक-ज्ञान की बढ़ोत्तरी, मिलेगी हर परीक्षा में सफलता
07:56 PM, 04-Feb-2022
ब्रह्म पुराण
‘बसंत पंचमी’ के त्योहार को संस्कृत ग्रंथों में ‘श्री पंचमी’ के रूप में जाना जाता है और ऐतिहासिक रूप से इस दिन लक्ष्मी और नारायण की पूजा की जाती है। ब्रह्म पुराण के अनुसार माघ शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनोकामना पूर्ति के दिन पार्वती की पूजा की जाती है। और पंचमी तिथि को श्री (लक्ष्मी) अतुलनीय भाग्य और समृद्धि प्रदान करती हैं।
बसंत पंचमी को सरस्वती पूजन करें, बुद्धि-विवेक-ज्ञान की बढ़ोत्तरी, मिलेगी हर परीक्षा में सफलता
07:32 PM, 04-Feb-2022
हिन्दू और मुस्लिम
बसंत पंचमी एक ऐसा त्यौहार है। जिसमे हिन्दुओ के बजाय मुस्लिम भी इस त्यौहार को मनाते है। यह त्यौहार निजामुद्दीन औलिआ की दरगाह जो दिल्ली में है और चिस्ती की सभी दरगाहो में मनाया जाता है। इसका इतिहास कुछ इस प्रकार है
निजामुद्दीन औलिआ अपने भतीजे की मोत से बेहद दुखी थे जिस कारण आमिर खुसरो भी अपने गुरु की उदासीनता से बेहद दुखी थे उन्होने एक दिन देखा की कुछ महिलाओ का समूह पीले वस्त्र पहन , पीले पुष्प लिए और गाते हुए वहा से गुज़र रहे थे आमिर खुसरो उन्हे संत मान कर उनके पास मदद के लिए गए और सारी बात बताते हुआ उन्हे निजामुद्दीन औलिआ के पास लके गए जिसके बाद वह फिर से मुस्कुराने लगे थे तभी से यह दिन दरगाहो में भी मनाने जाने लगा।
बसंत पंचमी को सरस्वती पूजन करें, बुद्धि-विवेक-ज्ञान की बढ़ोत्तरी, मिलेगी हर परीक्षा में सफलता
07:14 PM, 04-Feb-2022
बसन्त पंचमी पर बसंत महोत्सव आरंभ
माता सरस्वती बुद्धि व संगीत की देवी है. पंचमी के दिन को माता सरस्वती के जन्मोत्सव के साथ ही ये दिन ऋतुओं के राजा बसंत का पर्व भी है. इन दिन से बसंत ऋतु से शुरु होकर, संपूर्ण दिवस चल सकता है. यह पर्व कला व शिक्षा प्रेमियों के लिये विशेष महत्व रखता है. एक किंवदन्ती के अनुसार इस दिन ब्रह्मा जी ने सृ्ष्टि की रचना की थी. यह त्यौहार उतर भारत में पूर्ण हर्ष-उल्लास से मनाया जाता है. एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन भगवान श्री राम ने माता शबरी के झूठे बैर खाये थे. इस उपलक्ष में बसन्त पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है.
*बसंत पंचमी का दिन शाश्त्रो में बहुत शुभ बतायागया है। इस दिन के बाद से धरती की ऊर्जा शक्ति बढ़ जाती है और अछए दिन की शुरुआत हो जाती है। माना जाता है इसी दिन भगवान राम तपस्वी माता शबरी से मिलने गए थे।
बसंत पंचमी को सरस्वती पूजन करें, बुद्धि-विवेक-ज्ञान की बढ़ोत्तरी, मिलेगी हर परीक्षा में सफलता
06:36 PM, 04-Feb-2022
बसंत पंचमी के विभिन्न रुप
माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन मां शारदे की पूजा होती है यह समय अलग अलग रुपों से जाना जाता है. बसंत पंचमी जिसे विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है. इसे श्री पंचमी के रुप में मनाते हैं, इसे सूफी संतों द्वारा में सूफी बसंत के रूप में मनाया जाता है, पंजाब और अन्य आसपास के क्षेत्रों में इसे पतंगों महोत्सव के रूप में मनाया जाता है, इसे सिख महोत्सव के रूप में मनाया जाता है, बिहार राज्य में इसे मनाया जाता है कृषी पर्व और सूर्य देव पूजन के रुप में मनाया जाता है.
बसंत पंचमी को सरस्वती पूजन करें, बुद्धि-विवेक-ज्ञान की बढ़ोत्तरी, मिलेगी हर परीक्षा में सफलता
06:07 PM, 04-Feb-2022
बसंत पंचमी के दिन पीले रंग का रहस्य
पीला एक ऐसा रंग है जो जीवन की जीवंतता और प्रकृति के प्राण ऊर्जा का प्रतीक बनता है. साथ ही देवी को इस रंग से भी अत्यंत प्रेम है, अत: इस दिन समस्त लोग पीले रंगों का किसी न किसी रुप में उपयोग अवश्य करते हैं यह पीला रंग ज्ञान एवं ऊर्जा का विकास करता है और जीवन में सौभाग्य को प्रदान करता है. पीला रंग प्रेम, समृद्धि और पवित्रता का रंग भी माना जाता है. इस दिन केसर हल्दी का विषेश रुप से उपयोग शुभ माना जाता है.
बसंत पंचमी को सरस्वती पूजन करें, बुद्धि-विवेक-ज्ञान की बढ़ोत्तरी, मिलेगी हर परीक्षा में सफलता
04:52 PM, 04-Feb-2022
बसन्त पंचमी पर बसंत महोत्सव आरंभ
माता सरस्वती बुद्धि व संगीत की देवी है. पंचमी के दिन को माता सरस्वती के जन्मोत्सव के साथ ही ये दिन ऋतुओं के राजा बसंत का पर्व भी है. इन दिन से बसंत ऋतु से शुरु होकर, संपूर्ण दिवस चल सकता है. यह पर्व कला व शिक्षा प्रेमियों के लिये विशेष महत्व रखता है. एक किंवदन्ती के अनुसार इस दिन ब्रह्मा जी ने सृ्ष्टि की रचना की थी. यह त्यौहार उतर भारत में पूर्ण हर्ष-उल्लास से मनाया जाता है. एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन भगवान श्री राम ने माता शबरी के झूठे बैर खाये थे. इस उपलक्ष में बसन्त पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है.
बसंत पंचमी को सरस्वती पूजन करें, बुद्धि-विवेक-ज्ञान की बढ़ोत्तरी, मिलेगी हर परीक्षा में सफलता
04:32 PM, 04-Feb-2022
हम बसंत पंचमी क्यों मनाते हैं
बसंत पंचमी का पर्व देवी सरस्वती के जन्म दिवस के रुप में संपूर्ण भारत में मनाया जाता है. हिंदू धर्म ग्रंथों में देवी सरस्वती को विद्या एवं ज्ञान की देवी के रुप में स्थापित किया गया है. पंचमी तिथि के दिन इनका प्रकाट्य होता है ओर समस्त जगत ज्ञान को प्राप्त करता है अंधकार की समाप्ति होती है अत: इसी शुभता के आगमन का पर्व प्रत्येक वर्ष माघ शुक्ल पंचमी के दिन मनाए जाने का विधान रहा है. शिक्षार्थियों के लिए वसंत पंचमी का दिन विशेष महत्व रखता है, चूंकि सरस्वती ज्ञान और बुद्धि की देवी हैं, इसलिए समस्त शिक्षण संस्थानों में बसंत पंचमी के दिन विशेष पूजा एवं मंत्रों का उच्चारण होता है. जिसमें छात्र बड़े उत्साह और जोश के साथ भाग लेते हैं.
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04:05 PM, 04-Feb-2022
बसंत पंचमी है अबूझ मुहूर्त
ज्योतिष अनुसार कुछ मुहूर्तों को अबूझ मुहूर्त नाम से जाना जाता है जिसका अर्थ होता है विशेष मुहूर्त. अबूझ मुहूर्त के समय किसी प्रकार के मुहूर्त को निकालने की अश्यकता नहीं होती है और इस समय का संपूर्ण दिवस ही शुभ माना जाता है इसलिए इस समय को अत्यंत ही उत्तम शुभ मुहूर्तों में स्थान प्रदान किया जाता है. बसंत पंचमी के दिन विवाह, गृह निर्माण, गृह प्रवेश, किसी कार्य का आरंभ, कोई भी मांगलिक कार्य, धार्मिक कार्य, फैक्ट्री व्यापार का आरंभ, विद्या आरंभ, शपथ ग्रहण इत्यादि किसी भी प्रकार के कामों को करने के लिए ये दिन सर्वोत्तम माना जाता है.
03:27 PM, 04-Feb-2022
Vasant Panchami 2022 LIVE Updates: वसन्त पंचमी सरस्वती पूजन शुभ मुहूर्त, महाउपाय
2022 Vasant Panchami LIVE Updates : बसन्त पंचमी पूजा मुहूर्त समय
5 फरवरी शनिवार के दिन बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाएगा.बसंत पंचमी देवी सरस्वती को समर्पित त्योहार है। इस दिन सरस्वती पूजा करने से ज्ञान की प्राप्ति होती है अज्ञानी भी ज्ञान की अमृतधारा को चख पाता है. इस का संपूर्ण दिन ही उत्तम होता है. ग्रंथें में यह कहा गया है कि इस दिन किए गए धार्मिक मांगलकि अनुष्ठान शुभ फल प्रदान करते हैं.
वसन्त पंचमी 5 फरवरी 2022 को शनिवार के दिन मनाई जाएगी
पंचमी तिथि आरंभ – फरवरी 05, 2022 को 03:47
पंचमी तिथि समाप्त – फरवरी 06, 2022 को 03:46
वसन्त पंचमी सरस्वती पूजा मुहूर्त – प्रात:काल 07:07 से 12:35 तक
अवधि – 05 घण्टे 28 मिनट