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lekhaka-Gajendra sharma
नई दिल्ली, 24 मार्च। ज्योतिष शास्त्र के सर्वश्रेष्ठ और शुभ योगों में से एक वारूणी योग चैत्र कृष्ण त्रयोदशी, 30 मार्च 2022 को बन रहा है। यह योग 4 घंटे 23 मिनट बनेगा। यह योग अत्यंत दुर्लभ और पुण्यदायी योग कहलाता है। इसमें पवित्र नदियों में स्नान, दान-पुण्य, जप, तप आदि करने का फल सूर्य-चंद्र ग्रहण के समय किए गए स्नान-दान के समान प्राप्त होता है। चैत्र माह में बनने वाला यह एक अत्यंत पुण्यप्रद महायोग होता है।
तीन प्रकार का होता है वारूणी योग
चैत्र कृष्ण त्रयोदशी को वारुण नक्षत्र यानी शतभिषा नक्षत्र हो तो वारूणी योग बनता है। यह योग तीन प्रकार से बनता है। पहला, चैत्र कृष्ण त्रयोदशी को शतभिषा नक्षत्र और शनिवार हो तो महावारूणी योग बनता है। दूसरा, चैत्र कृष्ण त्रयोदशी को शतभिष नक्षत्र, शनिवार और शुभ नामक योग हो तो महा-महावारूणी योग बनता है। तीसरा, चैत्र कृष्ण त्रयोदशी को शतभिष नक्षत्र हो तो वारूणी योग बनता है। इस बार चैत्र कृष्ण त्रयोदशी 30 मार्च को शतभिषा नक्षत्र और शुभ योग तो है, लेकिन शनिवार नहीं होने के कारण यह मात्र वारूणी योग कहलाएगा।
वारूणी योग का महत्व
वारूणी योग के महत्व के बारे में धर्म सिंधु ग्रंथ का कथन है किचैत्र कृष्ण त्रयोदशी शततारका नक्षत्रयुता वारूणी संज्ञका स्नानादिना ग्रहणादि पर्वतुल्य फलदा। अर्थात् चैत्र कृष्ण त्रयोदशी के दिन शततारका अर्थात् शतभिषा नक्षत्र की युति हो तो वारूणी नाम का योग बनता है जिसमें स्नान व जप-तपादि करने से ग्रहण के समान फल प्राप्त होता है।
4 घंटे 23 मिनट रहेगा वारूणी योग
चैत्र कृष्ण त्रयोदशी के दिन शतभिषा नक्षत्र प्रात: 10 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। इसलिए वारूणी योग भी प्रात: 10.48 बजे तक ही रहेगा। इस दिन उज्जैन के समयानुसार सूर्योदय प्रात: 6.25 बजे होगा और शतभिषा नक्षत्र प्रात: 10.48 बजे तक रहेगा। इसलिए वारूणी योग की कुल अवधि 4 घंटे 23 मिनट रहेगी।
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क्या करें वारुणी योग में
वारुणी योग में गंगा, यमुना, नर्मदा, कावेरी, गोदावरी समेत अन्य पवित्र नदियों में स्नान और दान का बड़ा महत्व है। वारुणी योग में हरिद्वार, इलाहाबाद, वाराणसी, उज्जैन, रामेश्वरम, नासिक आदि तीर्थ स्थलों पर नदियों में स्नान करके भगवान शिव की पूजा की जाती है। इससे जीवन में समस्त प्रकार के सुख, ऐश्वर्य प्राप्त होते हैं। वारुणी योग के दिन भगवान शिव की पूजा, अभिषेक से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन मंत्र जप, अनुष्ठान, यज्ञ, हवन आदि करने का बड़ा महत्व है। पुराणों का कथन है कि इस दिन किए गए एक यज्ञ का फल हजारों यज्ञों के समान मिलता है। यदि पवित्र नदियों में स्नान करने का संयोग ना बन पाए तो अपने घर में ही पवित्र नदियों का जल डालकर स्नान करें।
किन कार्यों में लाभ
- वारुणी योग में शिक्षा से संबंधित कार्य प्रारंभ किए जाते हैं। पढ़ाई शुरू करना, कोई प्रशिक्षण, कोर्स शुरू करने से सफलता मिलना निश्चित होता है। वारुणी योग में नया स्कूल, कॉलेज, कोचिंग इंस्टीट्यूट खोलना शुभ होता है।
- नया काम धंधा व्यापार शुरू करने के लिए वारुणी योग अत्यंत शुभ माना गया है। इस योग में कार्य प्रारंभ करने से कभी पराजय, असफलता का सामना नहीं करना पड़ता है।
- वारुणी योग में नया कारखाना शुरू कर सकते हैं। किसी नए प्रोजेक्ट का कार्य शुरू कर सकते हैं।
- वारुणी योग में नया मकान, दुकान, प्लॉट खरीदना शुभ रहता है। इससे उनमें उत्तरोत्तर वृद्धि होने लगती है।
- वारुणी योग में यदि विवाह की बात की जाए तो रिश्ता पक्का होने में कोई संदेह नहीं रहता है। इस दिन शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाएं, बेलपत्र की माला अर्पित करें। शिवलिंग पर एक जोड़ा केला चढ़ाएं और वहीं बैठकर शिव पंचाक्षरी मंत्र का जाप करें। इससे शीघ्र विवाह का मार्ग खुलता है।
- किसी विशेष मंत्र की सिद्धि करना हो तो इस दिन जरूर करें, मंत्र जल्दी सिद्ध होता है।
English summary
Varuni Yog 2022 date is March 30. The time of the yog is from 2:14 PM on March 29 to 10:30 AM on March 30. read Importance.
Story first published: Thursday, March 24, 2022, 7:00 [IST]