नई दिल्ली: संयुक्त राज्य अमेरिका के दो राज्यों में अरबों जेनेटिकली मॉडिफाइड नर मच्छर (genetically modified male mosquitoes) छोड़े जा सकते हैं. ये दो राज्य हैं फ्लोरिडा और कैलिफोर्निया. इसकी वजह है कि देश की पर्यावरण संरक्षण एजेंसी ने मच्छरों से संबंधित ऑक्सिटेक कंपनी को पायलट परियोजनाओं के सफल होने के बाद आगे की प्रक्रिया की मंजूरी दे दी है.
अरबों जेनेटिकली मॉडिफाइड मच्छर किए विकसित
हमारी सहयोगी वेबसाइट WION की रिपोर्ट के अनुसार, यूके स्थित बायोटेक्नोलॉजी कंपनी ऑक्सिटेक ने अरबों जेनेटिकली मॉडिफाइड मच्छर विकसित किए हैं जो बीमारी पैदा करने वाले मच्छरों को इंसान से दूर रखने में कारगर साबित होंगे.
इस वजह से मादा मच्छर इंसानों का चूसती है खून
दरअसल, मच्छरों को छोड़ने का काम ब्रिटेन स्थित ऑक्सिटेक बायोटेक्नोलॉजी कंपनी अंजाम दे रही है. कंपनी अरबों की संख्या में आनुवांशिक रूप से परिवर्तित नर मच्छरों को पर्यावरण में छोड़ने जा रही है. यह नर मच्छर मादा मच्छरों के साथ मेट करेगा. चूंकि मादा मच्छर को अंडे देने के लिए खून की आवश्यकता होती है और यही कारण है कि वो इंसानों को काटती हैं.
मादा मच्छरों पर होगा ऐसा असर
कंपनी का कहना है कि आनुवांशिक रूप से परिवर्तित नर मच्छर, जो काटते नहीं हैं, वो मादा के साथ मेट करेंगे और इस दौरान उनमें से प्रोटीन निकलेगा, वह आनुवंशिक तौर पर परिवर्तित है. वो प्रोटीन मादा मच्छर को उसके काटने की उम्र से पहले ही मार देगा.
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बीमारी फैलाने वाले मच्छरों से बढ़ गया था जोखिम
ऑक्सिटेक के अनुसार, इसका उद्देश्य डेंगू, जीका, पीला बुखार और चिकनगुनिया जैसी हानिकारक बीमारियों पर लगाम लगाना है. कंपनी द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में कहा गया है कि कैलिफोर्निया में 2013 में पहली बार इन मच्छरों का पता चलने के बाद से यह मच्छर तेजी से पूरे राज्य में 20 से अधिक काउंटियों में फैल गया है, जिससे जोखिम बढ़ गया था.
सफल हो गया है पायलट प्रोजेक्ट
इसकी रोकथाम के लिए दो पायलट परियोजनाओं को मंजूरी दी गई थी. एक कैलिफोर्निया में डेल्टा मॉस्किटो और वेक्टर कंट्रोल डिस्ट्रिक्ट (डेल्टा एमवीसीडी) के साथ और एक फ्लोरिडा में फ्लोरिडा कीज मॉस्किटो कंट्रोल डिस्ट्रिक्ट (एफकेएमसीडी) के साथ. अब ये पायलट प्रोजेक्ट सफल हो गया तो अब ईपीए की मंजूरी के बाद, ऑक्सिटेक कैलिफोर्निया और फ्लोरिडा में राज्य नियामकों को उनके रिव्यू के लिए परमिट आवेदन जमा करेगा.
अन्य कीड़ों को कोई नुकसान ने होने का किया दावा
कंपनी ने कहा है कि ये सुरक्षित, टिकाऊ और लक्षित जैविक कीट नियंत्रण तकनीक, मधुमक्खियों और तितलियों जैसे फायदा देने वाले कीड़ों को नुकसान नहीं पहुंचाती है. यह विधि रोग फैलाने वाले एडीज एजिप्टी मच्छर को नियंत्रित करने के लिए सिद्ध हुई है जिसने फ्लोरिडा, कैलिफोर्निया और अन्य अमेरिकी राज्यों में तेजी से इंसानों पर आक्रमण किया था.
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