UP Assembly Election 2022 दूसरे चरण के विधानसभा चुनाव में भी हिजाब के पीछे मुस्लिम महिलाओं ने वोट डालने में खूब उत्साह दिखाया। मुस्लिम महिलाओं ने इस दूसरे चरण के मतदान में भी क्षेत्रीय विकास और शिक्षा से जुड़े मुददों को ध्यान में रखते हुए ही वोट किया। मुस्लिम महिला मतदाताओं का मानना है कि शिक्षा और विकास और पिछड़ेपन से जुड़ी तमाम परेशानियां अपने आप खत्म हो जाती है। उन्होंने इस बार मतदान के दौरान इन्हीं दो मुददों को ध्यान में रखा और अपने मताधिकार का उपयोग किया।
मेरठ
Updated: February 17, 2022 12:59:24 pm
UP Assembly Election 2022 इस समय हिजाब को लेकर मामला गरमाया हुआ है। वहीं हिजाब पहनने वाली मुस्लिम महिलाओं का दिमाग अब पहले की तरह संकीर्णता से भरा नहीं है। आजाद ख्यालों की हिजाब पहनने वाली इन मुस्लिम महिला मतदाताओं का मानना है कि अच्छी शिक्षा से घर-परिवार का तो विकास होगा ही साथ ही समाज और अपने मजहब के लिए भी कुछ कर सकेंगे। मतदान के दौरान ये बदलाव अब मुस्लिम महिालाओं की कुछ नई इबारत ही गढ़ रही हैं। एक वो दौर था जब शौहर बीवी को बुरका पहनाकर मतदान के दिन घर से लेकर निकलता था ओर अपने इशारे पर मतदान करने के लिए कहता था। लेकिन अब बुरके के भीतर की महिला भी काफी बदल गई है। उसकी सोच भी बदल गई है।
UP Assembly Election 2022 : हिजाब के पीछे अब खुला दिमाग रखती हैं मुस्लिम महिलाएं,चुनाव में अपने विवेक पर कर रही मतदान
समाज और देश के बारे में सोचकर किया वोट
बेशक वो बुरका और हिजाब के भीतर ही मतदान देने गई हो लेकिन उसके दिमाग की सोच को एक नए पंख लग गए हैं। जिसमें वो अपने परिवार के बारे में ही नहीं बल्कि समाज और देश के बारे में भी सोचने लगी हैं। वे अब मतदान के दौरान प्रत्याशियों को हर स्थिति से मांपकर ही वोट करती नजर आई। इन मुस्लिम महिलाओं का मानना है कि बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले तो उनके परिवार का तो विकास होगा ही। साथ ही समाज और देश में भी उनका सम्मान बढ़ेगा। आज की मुस्लिम महिलाओं में आज के समय में आगे बढ़ाने के लिए काफी उत्साह है। वे अब शिक्षित बनकर अपना और अपने परिवार के साथ समाज पर भी ध्यान देना चाहती है। समय बदल रहा है और इसी बदले समय की इबारत बनकर ये मुस्लिम महिलाएं सामने आ रही है।
मुस्लिम शिक्षिका कहकशा नफीसा का कहना है कि उन्हें पता है कि घर और समाज में शिक्षा और विकास का कितना महत्व होता है। उन्होंने कहा कि अब मुस्लिमों को कोई अनपढ़ कहने की गुस्ताखी नहीं कर सकता। समाज में शिक्षा की अलख जलनी शुरू हो गई है। घर में महिलाएं अब बच्चों के लिए सबसे पहले पढ़ाई के लिए सोचती हैं। वे अब समाज में हर जगह अपनी भागीदारी देखना चाहती हैं। यहीं कारण है कि आज मतदान में भी वे स्वयं के विवेक के मतदान कर रही हैं।
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