UP Assembly Election 2022 : वर्ष 2007 का विधानसभा चुनाव हो या फिर 2017 का। 2007 में बसपा को ब्राहमणों का आर्शिवाद मिला तो मायावती सत्ता तक पहुंचीं। इसी तरह 2017 में ब्राहमणों ने भाजपा पर कृपा की तो योगी आदित्यनाथ को भी सत्ता सुख नसीब हुआ। लेकिन अब भाजपा से ब्राहमण वर्ग नाराज है। जिसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ सकता है। नाराज ब्राहमणों को मनाने के लिए भाजपा ने अब प्लान तैयार किया है।
मेरठ
Published: December 28, 2021 09:40:10 am
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मेरठ . UP Assembly Election 2022 : 2017 में भाजपा की सरकार (BJP government) बनी तो लेकिन ब्राहमणों को उसकी कृपा का कोई फल सरकार से नहीं मिला। लिहाजा इस समय प्रदेश का 10 प्रतिशत ब्राहमण(10 percent brahmin) भाजपा से नाराज चल रहा है। भाजपा शीर्ष नेतृत्व को भी पता है कि अगर ब्राहमण नाराज हुआ तो सत्ता की राह मुश्किल हो सकती है। ब्राहमणों की नाराजगी से सहमी भाजपा ने अब इस वर्ग को मनाने के लिए बैठकों का दौर शुरू कर दिया है।
UP Assembly Election 2022 : नाराज ब्राहमण कहीं हिला ना दें भाजपा का सिंहासन, आर्शिवाद पाने को मैदान में उतारी ये चौकड़ी
प्रदेश प्रभारी ने की ब्राहमण नेताओं के साथ की बैठक
प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पार्टी के ब्राह्मण नेताओं के साथ एक बैठक की। इस बैठक में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, राज्य के मंत्री ब्रजेश पाठक, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डा0 लक्ष्मी कांत वाजपेयी,श्रीकांत शर्मा,जितेन प्रसाद,सांसद सुधांशु त्रिवेदी,रीता बहुगुणा जोशी,सत्यदेव पचौरी समेत कई ब्राह्मण सांसद, मंत्री और नेता शामिल हुए। बैठक में प्रधान ने ब्राह्मण नेताओं से राज्य में मुद्दों पर राय मशविरा किया और पार्टी के लिए ब्राह्मण वोट बैंक की स्थिति पर नब्ज़ टटोली।
भाजपा ने अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ब्राह्मणों को लुभाने और उन्हें मनाने के लिए चार सदस्यीय समिति बनाने का फैसला किया। इस चार सदस्यीय समिति में “पूर्व केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा और शिव प्रताप शुक्ला, पार्टी नेता राम भाई मोकारिया और अभिजीत मिश्रा ब्राह्मणों को लुभाने के लिए आउटरीच कार्यक्रम तय करने वाली समिति के सदस्य हैं।” पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने बताया कि केंद्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान के आवास पर हुई बैठक में कमेटी बनाने का फैसला लिया गया।
सभी विस में जनसंपर्क कार्यक्रम की अगुआई ब्राहमण नेताओं के हाथ
प्रदेश के सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में जनसंपर्क कार्यक्रमों की अगुवाई भाजपा के ब्राह्मण नेता करेंगे। बैठक में उत्तर प्रदेश के चुनाव प्रभारी प्रधान और राज्य के पार्टी के वरिष्ठ ब्राह्मण नेताओं ने चुनाव से पहले समुदाय को लुभाने की योजना पर चर्चा की। पिछले कुछ महीनों से अटकलें लगाई जा रही हैं कि उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण समुदाय राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा से नाखुश है। सूत्रों ने बताया कि बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि ब्राह्मण भाजपा और उसकी सरकार से नाखुश हैं, लेकिन कुछ प्रशासनिक कारणों से स्थानीय स्तर पर भी नाराजगी हो सकती है।
सूत्रों ने कहा, “इस बात पर चर्चा हुई है कि अगर कोई नाराजगी है तो पार्टी के नेताओं को समुदाय से मिलना चाहिए और उनकी शिकायतों को जल्द से जल्द दूर करना चाहिए।” यहां प्रधान के आधिकारिक आवास पर हुई बैठक में यूपी सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक शामिल हुए। बैठक करीब तीन घंटे तक चली। ब्राह्मण उत्तर प्रदेश के कुल मतदाताओं का 10 प्रतिशत से अधिक हैं और उनका समर्थन 2022 में भाजपा की जीत के लिए महत्वपूर्ण है। सूत्रों ने बताया कि बैठक में यूपी के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, राज्य सरकार में मंत्री श्रीकांत शर्मा, सांसद हरीश द्विवेदी समेत अन्य लोग शामिल हुए। पता चला है कि उत्तर प्रदेश भाजपा महासचिव (संगठन) सुनील बंसल भी बैठक में मौजूद थे।
10 प्रतिशत ब्राहमण हुआ नाराज तो भाजपा के लिए होगी मुसीबत
पार्टी के एक वर्ग को लगता है कि समुदाय के बीच यह धारणा है कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने समुदाय की उपेक्षा की है। हालांकि पार्टी के एक अन्य वर्ग को लगता है कि समुदाय पार्टी के साथ है और नाराजगी विपक्षी दलों की पैदाइश है। उत्तर प्रदेश में करीब 10 फीसदी ब्राह्मण आबादी हैं। राज्य की सत्ता में ब्राह्मण बड़े भागीदार रहे हैं। हाल के वर्षों में उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों की भाजपा से नाराज़गी की खबरें भी आ रहीं थी। ऐसे में श्री प्रधान की ओर से ली गयी यह बैठक को महत्वपूर्ण है।
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