केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे ने राहुल गांधी को बताया ‘छुट्टा सांड’, कांग्रेस ने मांगा इस्तीफा
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर अभद्र टिप्पणी की है. रावसाहेब दानवे ने कहा है कि राहुल गांधी छुट्टा सांड की तरह हैं और वह किसी काम के नहीं हैं. दानवे की इस अभद्र टिप्पणी पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है और उन्हें केंद्रीय मंत्रिपरिषद से हटाने की मांग की है.
दानवे ने क्या कहा था?
दानवे ने महाराष्ट्र के जालना जिले में जनसभा में राहुल गांधी पर आलोचनात्मक टिप्पणी की थी. नवनियुक्त वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड द्वारा निकाली गई ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ के तहत जनसभा का आयोजन किया गया. मराठी में अपना भाषण देते हुए दानवे ने कहा, ‘‘राहुल गांधी किसी काम के नहीं हैं. वह भगवान को समर्पित ‘सांड’ की तरह हैं. वह हर जगह घूमते हैं, लेकिन किसी के काम नहीं आते हैं. मैं 20 साल लोकसभा में रहा हूं और उनका काम देखा है.’’
केंद्रीय रेल राज्य मंत्री ने आगे कहा, ‘‘ऐसा सांड भले ही किसी खेत में घुसकर फसल को खा जाए, लेकिन किसान यह कहकर जानवर को माफ कर देता है कि उसे भोजन की जरूरत है.’’ दानवे ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए जा रहे महान कार्यों को देखना चाहिए…सरकार अपने खजाने से पैसा खर्च कर रही है क्योंकि रेलवे टिकटों की बिक्री समेत विभिन्न स्रोतों से पर्याप्त राजस्व नहीं जुटा पाता है.’’
नाना पटोले ने दानवे का इस्तीफा मांगा
रेल राज्य मंत्री की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस की प्रदेश इकाई के प्रमुख नाना पटोले ने दानवे का इस्तीफा मांगा. उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने (दानवे) सारी हदें पार कर दी है. उनकी टिप्पणी अशोभनीय और चौंकाने वाली है. हम राहुल गांधी के खिलाफ इस तरह की अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के लिए उन्हें केंद्रीय मंत्रिपरिषद से हटाने की मांग करते हैं.’’ पटोले ने कहा, ‘‘मुझे आश्चर्य होता है कि अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के उनके ‘ट्रैक रिकॉर्ड’ के बावजूद उन्हें मंत्रिपरिषद में इतना महत्वपूर्ण पद कैसे दिया जा सकता है.’’
आपत्ति के बाद दानवे ने दी सफाई
कांग्रेस की आपत्ति के बाद दानवे ने सफाई देते हुए कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए कार्यों को समझाने के लिए कृषि क्षेत्र का उदाहरण दे रहे थे. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने ‘अपनी विफलताओं को छिपाने’ के लिए उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए ‘सांड’ शब्द को तोड़-मरोड़ कर पेश किया.
दानवे ने कहा, ‘‘दो प्रकार के बैल होते हैं- एक जो काम करता है (उपयोगी) और दूसरा जो काम नहीं करता है. जब किसानों ने मुझसे पूछा कि वे जानते हैं कि किस प्रकार का बैल काम करता है लेकिन वे उस बैल से अनजान थे जो काम नहीं करता. मैंने उनसे कहा ‘सांड’ वह बैल है, जो काम नहीं करता.’’ राजनीति के संदर्भ में इस्तेमाल किए गए शब्द ‘सांड’ की व्याख्या करते हुए दानवे ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काम करते हैं जबकि राहुल गांधी ऐसे सांड की तरह हैं, जो कुछ नहीं करता है. दो तरह के बैल होते हैं एक काम करने वाला और एक सांड जो कुछ नहीं करता है.’’