भारत ने शुक्रवार को बारिश से प्रभावित अंडर -19 एशिया कप के फाइनल में श्रीलंका को डकवर्थ लुईस पद्धति से नौ विकेट से शिकस्त देकर रिकॉर्ड आठवें खिताब के साथ टूर्नामेंट में अपना वर्चस्व कायम रखा। भारतीय गेंदबाज फाइनल में पूरी लय में थे और उन्होंने बारिश के कारण खेल रोके जाते समय 33 ओवर में सिर्फ 74 रन के स्कोर पर श्रीलंका के सात विकेट चटका लिये थे। यहां दुबई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में भारी बारिश के कारण दो घंटे की रुकावट के बाद जब मैच दोबारा शुरू हुआ तो इसे 38-38 ओवर का कर दिया गया।
श्रीलंका ने इस दौरान नौ विकेट पर 106 बनाये। भारत को डकवर्थ लुईस पद्धति से 38 ओवरों में 102 रनों का संशोधित लक्ष्य मिला। टीम ने सलामी बल्लेबाज अंगकृष रघुवंशी के 67 गेंदों में नाबाद 56 रन की पारी से इसे 21.3 ओवर में एक विकेट गंवाकर हासिल कर लिया। शेख रशीद 31 रन बनाकर नाबाद रहे। इससे पहले भारतीय तेज गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के बाद स्पिनरों की बलखाती गेंदों का श्रीलंकाई बल्लेबाजों के पास कोई जवाब नहीं था।
भारत के लिए बाएं हाथ के स्पिनर विक्की ओस्तवाल ने 11 रन देकर तीन विकेट लिए थे जबकि ऑफ स्पिनर कुशल तांबे को दो सफलता मिली। प्रतियोगिता में भारत को एकमात्र हार का सामना चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ करना पड़ा। पाकिस्तान की टीम सेमीफाइनल में श्रीलंका से हार गई थी। इस टूर्नामेंट से 14 जनवरी से वेस्टइंडीज में शुरू होने वाले अंडर-19 विश्व कप से पहले यश ढुल की अगुवाई वाली टीम को मैदान में प्रतिस्पर्धी मैच खेलने का अच्छा मौका मिला।
टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले हरनूर सिंह (पांच) के सस्ते में पवेलियन लौटने के बाद रघुवंशी और रशीद ने दूसरे विकेट के लिए 96 रन की अटूट साझेदारी कर टीम को जीत दिला दी। पिछले कुछ मैचों में कम रन बनाने वाले रघुवंशी फाइनल में पूरे लय में दिखे। पारी की शुरुआत में बैकफुट पंच खेलकर उन्होंने आत्मविश्वास हासिल किया। इस दौरान तेज गेंदबाजों के खिलाफ बैकफुट पर उन्होंने दमदार शॉट खेले।
स्पिनरों के खिलाफ उन्होंने पैर का शानदार इस्तेमाल किया। रघुवंशी ने अपनी पारी में छह चौके लगाये। सुबह हुई बारिश के बाद परिस्थितियां तेज गेंदबाजों के अनुकूल थी लेकिन श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। राजवर्धन हैंगरगेकर और रवि कुमार की भारतीय तेज गेंदबाजों की जोड़ी ने नयी गेंद से सटीक शुरुआत की।
हैंगरगेकर को हालांकि किस्मत का साथ नहीं मिला। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज रवि ने चौथे ओवर में चामिंडू विक्रमसिंघे को आउट कर मैच का पहला विकेट हासिल किया। वामहस्त सलामी बल्लेबाज ने मिड विकेट के ऊपर से बड़ा शॉट लगाने की कोशिश की लेकिन गेंद थर्डमैन पर खड़े राज बावा के हाथों में चली गयी।
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विक्रमसिंघे के सलामी जोड़ीदार शेवोन डेनियल 11वें ओवर में बावा की गेंद पर विकेटकीपर आराध्या यादव को कैच दे बैठे। इससे श्रीलंका का स्कोर दो विकेट पर 15 रन हो गया। शुरुआती 10 ओवरों में हैंगरगेकर सबसे प्रभावशाली तेज गेंदबाज रहे। उनकी तेज गति से बल्लेबाजों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
प्रभावशाली तेज गेंदबाजी के बाद तांबे और ओस्तवाल की भारतीय स्पिनरों की जोड़ी ने भी श्रीलंकाई बल्लेबाजों को परेशान किया। ओस्तवाल ने एक ओवर में दो विकेट चटकाये जिससे श्रीलंका का स्कोर सात विकेट पर 57 रन हो गया। पारी की आखिरी गेंद पर हैंगरगेकर को पहली सफलता मिली। उनकी गेंद पर मथीशा पथिराना का रघुवंशी ने स्क्वायर लेग बाउंड्री पर डाइव लगाकर शानदार कैच लपका।