डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। दुनियाभर के लगभग 77 देश ओमिक्रॉन की चपेट में आ चुके है। भारत में अब तक 101 ओमिक्रॉन मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। वैज्ञानिक इस पर लगातार अध्ययन कर रहे है। लेकिन, कई शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि, ये कोरोना के बाकी वेरिेंट से बिल्कुल अलग है और ज्यादा संक्रामक भी है। हालांकि ओमिक्रॉन ज्यादा गंभीर नहीं है। फिर भी हमें सतर्क रहने की जरुरत है।
ओमिक्रॉन मरीजों में डेल्टा और बाकी वेरिएंट की तुलना में लक्षण भी अलग दिखाई दे रहे है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे वेरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित किया है और इससे बचने की सलाह दी है। कोरोना के सभी स्ट्रेन की तुलना में ओमिक्रॉन के फैलने की रफ्तार काफी तेज है। क्योंकि इसमे लगभग 36 म्यूटेशन देखे गए है।
ओमिक्रॉन के लक्षण
77 देशों में फैल चुका ओमिक्रॉन वेरिएंट सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था, जिसके बाद इसने तेजी से अपनी जगह बनाई। दुनिया के सभी वैज्ञानिक इसे समझने की कोशिश कर रहे है। बताया जा रहा है कि, इसके मरीजों में हल्के लक्षण दिखाई देते है। लेकिन, अब तक जितने भी मरीज मिले हैं उनमें एख लक्षण कॉमन है और वो है गले में “खराश”। साउथ अफ्रीका के डिस्कवरी हेल्थ के सीईओ डॉक्टर रेयान नोच ने कहते है कि, ओमिक्रॉन मरीजों के लक्षण थोड़ा अलग है। शुरुआत में लगभग सभी मरीजों ने खले में खराश होने की शिकायत की और बाद में नाक बंद होना, सूखी खांसी, मांसपेशियों और पीठ के निचले हिस्से में दर्द जैसे लक्षण सामने आए।
आज तक की खबर के अनुसार, साउथ अफ्रीकन DSI-NRF सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन एपिडेमायोलॉजिकल मॉडलिंग एंड एनालिसिस की डायरेक्टर जूलियत पुलियम ने ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर भारत को आगाह किया है। एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि, भारत जैसी ज्यादा आबादी वाले देश को अस्पताल व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए और इसकी पहले से प्लानिंग करनी चाहिए। क्योंकि यही समझदारी भरा कदम होगा।
डेल्टा से ज्यादा खतरनाक है
पुलियम के अनुसार, ओमिक्रॉन उन लोगों को भी अपना शिकार बना रहा जो, लोग पहले ही कोरोना संक्रमित हो चुके है। इसका ट्रांसमिशन रेट पिछले सभी वैरिएंट से बहुत ज्यादा है। शुरुआती आंकड़ों से ये संकेत मिला है कि, पूर्ण वैक्सीनेट लोग भी ओमिक्रॉन संक्रमित हो जा रहे है।
भारत के लिए चिंता है?
पुलियम की मानें तो, ओमिक्रॉन ने जितना तांडव पहले दक्षिण अफ्रीका में फैलाया वैसी ही तबाही कई देशों में भी देखने को मिल रही है। ऐसे में वो मानती है कि, भारत में नए वेरिएंट का संक्रमण काफी तेजी से फैलेगा।