Thursday, January 13, 2022
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Thyroid Awareness Month: जानिए थायराइड से जुड़े कुछ ऐसे मिथक के बारे में जिन्हे लोग सच मानते हैं | few myths and facts about thyroid in hindi | Patrika News


आज हम आपको थायराइड से जुड़े कुछ ऐसे मिथक के बारे में आपको बताएंगें जिन्हे लोग सच मान लेते हैं,लेकिन ये मिथक सच नहीं नहीं होते हैं,इसलिए आपको इनके बारे में जरूर जानना चाहिए ताकि अपने दिमाग से आप इन मिथकों को दूर कर सकें।

नई दिल्ली

Published: January 13, 2022 01:27:05 pm

आपको बताते चलें कि थायराइड से जुड़ी अनेकों स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में लोगों की जागरूकता को बढ़ाने के लिए हर वर्ष जनवरी के महीने में “थायराइड ओवेरनेस मंथ” के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है, थायराइड गर्दन में मौजूद एक छोटी सी ग्रंथि होती है, ये थायराइड उत्तेजक हार्मोन के प्रभाव में T3 और T4 नमक थायराइड हार्मोन का उत्पादन करता है जो कि पिट्यूटरी से स्रावित होता है, T3 और T4 की बात करें तो ये बॉडी के लगभग हर पार्ट्स में काम करता है और वहीं बेसल मेटाबॉलिक रेट BMR को भी बनाए रखने में असरदार होता है, थायरॉयड ग्रंथि के विकारों में वहीं अंडरएक्टिव थायरॉयड (हाइपोथायरायडिज्म), अतिसक्रिय थायरॉयड (हाइपरथायरायडिज्म), थायरॉयड सूजन (गण्डमाला), और थायरॉयड ग्रंथि के सौम्य और घातक (कैंसर) नोड्यूल शामिल हैं।

Thyroid Awareness Month

थायराइड से होने वाली प्रॉब्लम की जांच आपको कब करानी चाहिए
नवजात शिशु में खासतौर पर इस समस्या कि जाँच जरूर करानी चाहिए, हाइपोथायरायडिज्म: जन्म के समय, लक्षणों के बावजूद, सभी नवजात शिशुओं को हाइपोथायरायडिज्म के लिए जांच की जानी चाहिए।
यदि किसी बच्चे का कद कम है या युवावस्था में देरी है, स्कूल में असावधानी है, शैक्षिक प्रदर्शन में गिरावट है, या गोइटर, विटिलिगो या टाइप 1 डायबिटीज मेलिटस की उपस्थिति है, तो उसे हाइपोथायरायडिज्म के लिए जांच की जानी चाहिए।

वयस्कों को तब जांच की जानी चाहिए जब उन्हें थकान, सुस्ती, हर समय ठंड लगना, अस्पष्टीकृत बालों का झड़ना या वजन बढ़ना, कब्ज, अस्पष्टीकृत बांझपन, घेंघा, या हाइपोथायरायडिज्म का पारिवारिक इतिहास हो।
हाइपरथायरायडिज्म: एक व्यक्ति को हाइपरथायरायडिज्म के लिए जांच की जानी चाहिए यदि किसी को हाथ कांपना, तेज दिल की धड़कन की भावना, पसीना, भोजन के सेवन के बावजूद वजन कम होना, पुरानी दस्त, चिंता में वृद्धि, नींद की कमी, आसान चिड़चिड़ापन, घेंघा या बांझपन है।

अब जानिए थायराइड से जुड़े कुछ ऐसे मिथक के बारे में-
मिथक 1- मोटे व्यक्ति थायराइड से ज्यादा ग्रसित होते हैं
सच्चाई अक्सर लोग ये मानते हैं कि जो व्यक्ति अधिक मोटा होता है उसको थायराइड की समस्या होती है लेकिन ये बिल्कुल भी सच नहीं है, ये सिर्फ एक प्रकार का मिथक ही होता है, थायराइड के होने से न केवल वजन बढ़ता है बल्कि कम भी हो सकता है इसलिए आपको थायराइड की जाँच जरूर करानी चाहिए।

मिथक 2- सिर्फ प्रॉपर डाइट को फॉलो करने से ही हाइपोथायरायडिज्म का प्रबंधन कर सकते हैं।
सच्चाई- ये सिर्फ एक मिथक ही है कि सिर्फ आहार से ही थायराइड को कंट्रोल किया जा सकता है,इसलिए यदि आपको थायराइड के लक्षण नजर आते हैं तो ऐसे में तुरंत इसकी जांच कराएं और डॉक्टरों दवाइयां लें, डाइट को भी प्रॉपर फॉलो करने कि जरूरत होती है लेकिन दवाई की भी आवश्य्कता होती है।

मिथक 3- थायराइड रोग का इलाज आप आयोडीन या नमक के सेवन से ठीक कर सकते हैं
सच्चाई- थायराइड में आयोडीन युक्त चीजों का सेवन उतना ही करना चाहिए जितना डॉक्टर बताएं, वहीं बिना दवाइयों के इसे कंट्रोल कर पाना बहुत ही ज्यादा मुश्किल का काम है इसलिए आप इसकी जाँच करवाके डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।

मिथक 4- हाइपोथायरायड होने के कारण मैं गर्भवती नहीं हो सकती
सच्चाई- हाइपोथायरायडिज्म के अच्छे नियंत्रण के साथ, आप आसानी से गर्भावस्था की योजना बना सकते हैं, हालांकि गर्भावस्था के दौरान इसे लगातार निगरानी की आवश्यकता होती है।

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