कोरोना वायरस से लड़ने के लिए वैक्सीन लगवा चुकी मां का दूध है शिशु का ‘सुरक्षा कवच’
Corona Virus : कोरोना महामारी से बचने के लिए कई देश अपने नागरिकों को ज्यादा वैक्सीन लगाने में जुटे हैं, वहीं कई देशों ने 12 से 17 साल तक के बच्चों को भी वैक्सीनेशन की अनुमति दे दी है लेकिन मां का दूध पीने वाले बच्चों के लिए अभी वैक्सीन के ‘सुरक्षा कवच’ का प्रावधान नहीं है. ऐसे में दुनियाभर के डॉक्टरों और वैज्ञानिकों के सामने ये एक चुनौती जैसा था कि छोटे बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए क्या किया जाए? आपको बता दें कि कुछ महीने पहले तक तो गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं तक को वैक्सीन लगवाने की अनुमति नहीं थी लेकिन फिर उन्हें भी वैक्सीन लगवाने की इजाजत दे दी गई.
हाल ही में हुई एक रिसर्च में दावा किया गया है कि जो महिलाएं स्तनपान (Breast Feeding) कराती हैं और वो वैक्सीन ले चुकी हैं, तो उनका दूध भी कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी बनाता है. इस रिसर्च को ‘ब्रेस्टफीडिंग मेडिसिन’ (Breastfeeding Medicine) नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है. इसके साथ ही सलाह दी गई है कि वैक्सीन ले चुकी मां अपने बच्चे को एंटीबॉडी दे सकती हैं.
मां के दूध में मौजूद वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी
शोधकर्ताओं को पता चला है कि जब बच्चों का जन्म होता है तब उनका इम्यून विकसित होने की प्रक्रिया में रहता है. फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी (Florida University) के सहायक प्रोफेसर जोसेफ लार्किन के अनुसार इस रिसर्च में कहा गया है कि ‘हमें पता चला है कि वैक्सीनेशन से ब्रेस्ट मिल्क में SARS-CoV-2 के खिलाफ एंटीबॉडी बनती है.’
शोधकर्ताओं ने नोट किया कि जब बच्चे पैदा होते हैं, तो उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) अविकसित होती है, जिससे उनके लिए अपने आप संक्रमण से लड़ना मुश्किल हो जाता है. उन्होंने कहा कि कुछ प्रकार के टीकों के लिए पर्याप्त प्रतिक्रिया देने के लिए वे अक्सर बहुत छोटे होते हैं. शोधकर्ताओं का कहना है, “इस कमजोर अवधि के दौरान, स्तनपान कराने वाली माताओं को शिशुओं को ‘एंटीबॉडी’ प्रदान करने की अनुमति मिलती है.”
मां का दूध इम्यूनिटी के लिए जरूरी
इस स्टडी के को-ऑथर जोसेफ नू ने कहा कि उन्हें किसी भी तरह के इन्फेक्शन से लड़ने में मुश्किल होती है. बच्चों के विकास के इस अहम समय में ब्रेस्ट मिल्क उन्हें बेहतरीन इम्यूनिटी देता है. जोसेफ ने कहा कि ‘ब्रेस्ट मिल्क उस टूलबॉक्स की तरह होता है जो नवजात को जिंदगी के लिए अलग-अलग जरुरी टूल्स बनाने में मदद करता है. वैक्सीन लेने के बाद इस टूलबॉक्स में एक और अहम टूल जुड़ जाता है. जो कि कोविड-19 से बचाव के लिए बेहद जरुरी है. ‘
दिसबंर 2020 से मार्च 2021 के बीच की गई इस रिसर्च में शोधकर्ताओं ने स्तनपान कराने वाली ऐसी 21 हेल्थवर्कर्स को शामिल किया था, जो कभी कोरोना से संक्रमित नहीं हुई थीं. रिसर्च के मुताबिक वैक्सीन देने से पहले उनके ब्रेस्ट मिल्क और खून के सैंपल तीन बार जांच के लिए गए थे.
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रिसर्च में कहा गया है कि महिलाओं को कोरोना वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज देने के बाद पाया गया कि उनके ब्लड और यहां तक कि ब्रेस्ट मिल्क में भी एंटीबॉडीज विकसित हुए हैं और ये एंटीबॉडीज वैक्सीन से पहले लिए गए नमूनों से कई गुना ज्यादा थे. इसके अलावा रिसर्च में यह भी दावा किया गया है कि वैक्सीन लेने वाली ऐसी माताओँ के दूध में भी एंटीबॉडी का लेवल ज्यादा था जो कोरोना से संक्रमित होकर ठीक हो चुकी थीं.
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