इससे पहले मस्क ने कंपनी को प्राइवेट बनाने से जुड़े एक ट्वीट को लेकर 2018 में सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) की ओर से दायर कानूनी मामले का निपटारा किया था। इसमें उन्होंने Tesla के बारे में किसी महत्वपूर्ण जानकारी वाले ट्वीट करने से पहले उसके लिए कंपनी के लॉयर्स से स्वीकृति लेने पर सहमति दी थी। टेस्ला का शेयर हाल ही में रिकॉर्ड हाई पर पहुंचा था। मस्क ने 6 नवंबर को कहा था कि अगर ट्विटर पर यूजर्स सहमत होते हैं तो वह कंपनी में अपनी हिस्सेदारी का 10 प्रतिशत बेचेंगे। इसके बाद टेस्ला का शेयर का प्राइस लगभग एक-चौथाई टूट गया था। मस्क ने इसके बाद से अभी तक लगभग 14 अरब डॉलर (लगभग 1,06,800 करोड़ रुपये) के शेयर्स बेचे हैं।
Delaware कोर्ट में दाखिल किए गए इस मामले में मस्क के ट्वीट्स से जुड़े रिकॉर्ड देने की मांग की गई है। इनमें शेयर्स की बिक्री से जुड़े ट्वीट्स की पहले से स्वीकृति लेने से जुड़े डॉक्युमेंट्स भी शामिल हैं। मार्च में एक अन्य शेयरहोल्डर्स ने मस्क और कंपनी के बोर्ड के खिलाफ मामला दायर किया था। इसमें SEC के साथ किए गए समझौते का उल्लंघन करने और शेयरहोल्डर्स को भारी नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया था।
इस वर्ष Tesla की ग्रोथ अन्य ग्लोबल ब्रांड्स के मुकाबले में बहुत अधिक रही है। इसकी ब्रांड वैल्यू में काफी बढ़ोतरी हुई है और यह 36.27 अरब डॉलर पर पहुंच गई। Tesla पहली बार दुनिया के 20 सबसे अधिक वैल्यू वाले ब्रांड्स में शामिल हुई है। इसके साथ ही कंपनी के CEO, Elon Musk की वेल्थ भी तेजी से बढ़ी है।Tesla की ब्रांड वैल्यू इस वर्ष 184 प्रतिशत बढ़ी है। यह ग्रोथ सभी ग्लोबल ब्रांड्स से अधिक है। पिछले एक दशक में टेस्ला का बिजनेस काफी मजबूत हुआ है और इसने एक प्रभावशाली ग्लोबल ब्रांड के तौर पर अपनी जगह बनाई है।इस वर्ष तीन डिजिट में ग्रोथ हासिल करने वाला टेस्ला एकमात्र ब्रांड है। दूसरे स्थान पर Sephora है, जिसकी ग्रोथ केवल 37 प्रतिशत की है। टेस्ला की कारों की बिक्री अमेरिका और चीन जैसे कुछ देशों में अन्य ग्लोबल ऑटोमोबाइल कंपनियों की कारों को टक्कर दे रही हैं।
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