Tesla ने बताया कि उसने पिछले वर्ष की चौथी तिमाही में 3,08,600 यूनिट्स की डिलीवरी की। इसमें मॉडल Y हैचबैक और मॉडल 3 सेडान में ग्रोथ का बड़ा योगदान रहा। लगभग एक लाख डॉलर की कीमत वाले मॉडल S और मॉडल X क्रॉसओवर्स की हिस्सेदारी इसमें कम है। कंपनी रीजन के अनुसार सेल्स का आंकड़ा नहीं देती। हालांकि, इसकी वॉल्यूम में ग्रोथ के लिए चीन एक महत्वपूर्ण मार्केट है। चीन के प्लांट से यूरोप और अन्य मार्केट्स में एक्सपोर्ट भी किया जाता है। कंपनी की तिमाही डिलीवरी का आंकड़ा एक वर्ष पहले की तुलना में लगभग 70 प्रतिशत अधिक रहा है।
हालांकि, कंपनी पिछले वर्ष 10 लाख व्हीकल्स की डिलीवरी करने से चूक गई लेकिन Tesla के CEO, Elon Musk का मानना है कि कंपनी इस दशक के अंत तक दो करोड़ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की वार्षिक बिक्री तक पहुंच सकती है। यह एक बड़ा आंकड़ा होगा क्योंकि टोयोटा और फोक्सवैगन सहित दुनिया की बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों की बिक्री लगभग एक करोड़ यूनिट्स की है। Tesla जल्द ही जर्मनी और अमेरिका के टेक्सस में नए प्लांट्स खोलने की तैयारी कर रही है। इससे कंपनी की प्रोडक्शन कैपेसिटी में बढ़ोतरी होगी और इसे तेजी से बढ़ती हुई डिमांड को पूरा करने में मदद मिलेगी।
इस वर्ष Tesla की ग्रोथ अन्य ग्लोबल ब्रांड्स के मुकाबले में बहुत अधिक रही है। इसकी ब्रांड वैल्यू में काफी बढ़ोतरी हुई है और यह 36.27 अरब डॉलर पर पहुंच गई। Tesla पहली बार दुनिया के 20 सबसे अधिक वैल्यू वाले ब्रांड्स में शामिल हुई है। इसके साथ ही Musk की वेल्थ भी तेजी से बढ़ी है। इस वर्ष तीन डिजिट में ग्रोथ हासिल करने वाला टेस्ला एकमात्र ब्रांड है। टेस्ला की कारों की बिक्री अमेरिका और चीन जैसे कुछ देशों में अन्य ग्लोबल ऑटोमोबाइल कंपनियों की कारों को टक्कर दे रही हैं। टेस्ला ने भारतीय मार्केट में भी बिजनेस शुरू करने की योजना बनाई है। कंपनी ने केंद्र सरकार से इम्पोर्ट ड्यूटी में कमी करने की मांग की है।
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