Friday, April 22, 2022
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Sunscreen Buying Tips: सनस्क्रीन खरीदते समय इन इंग्रीडिएंट्स पर दीजिए ध्यान, क्रीम में 9 चीजें बिलकुल नहीं होनी चाहिए | 9 things in sunscreen then do not buy, know side effects On skin | Patrika News


9 things to keep in mind while buying sunscreen: स्किन डिजीज और कैंसर से बचने क लिए सनस्क्रीन लगाना बहुत जरूरी है, लेकिन जब आप इसे खरीदनें जाएं तो 9 चीजों का विशेष ध्यान दें। ये चीजें सनस्क्रीन में बिलकुल नहीं होनी चाहिए।

Published: April 22, 2022 08:55:59 am

अल्ट्रा वायलेट रेज से बचने के लिए जरूरी है कि स्किन को बचाया जाए और इसके लिए सनस्क्रीन या सन ब्लॉक सबसे अच्छे साधन हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि कुछ सनस्क्रीन या सन ब्लॉक में ऐसी चीजें होती हैं जो आपके स्किन को नुकसान पहुचाती है। एजिंग साइन, टैनिंग और सनबर्न से बचाने वाली इन सनस्क्रीन में अगर आपको 9 इंग्रीडिएंट्स नजर आए तो इसे बिलकुल नहीं खरीदें। तो चलिए जानें ये 9 तत्व हैं क्या और इनसे क्या नुकसान होे सकते हैं।

9 things to keep in mind while buying sunscreen

सनस्क्रीन में ये 9 चीजें हों तो बिलकुल न खरीदें- Sunscreen Contains These 9 Things, Don’t Buy सिलिकॉन-Silicones
सनस्क्रीन में सिलिकॉन का यूज क्रीम को सिल्की, वेल्वेटी टेक्स्चर बनाने के लिए किया जाता है। सिलिकॉन के कारण स्किन में मुंहासे, जलन हो सकती है और यह डल स्किन का कारण बनता है।

ऑक्टिनॉक्सेट -Octinoxate
इसके कारण स्किन एलर्जी हो सकती है। साथ ही जानवरों पर किए गए अध्ययनों में पाया गया है कि प्रजनन प्रणाली और थायरॉयड पर इसका प्रभाव पड़ता है। एवोबेनज़ोन -Avobenzone
ये स्किन इरिटेशन का कारण बन सकता है। और यह सन-स्टेबल नहीं है, जिसका मतलब है कि इसे स्टेबलाइजर्स के साथ मिक्स करना पड़ता है, जैसे ऑक्टिसलेट जो कि एक टॉक्सिक एलिमेंट है।

ऑक्सीबेनज़ोन -Oxybenzone
यह अक्सर ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन में पाया जाता है, और यूवीबी और यूवीए किरणों को फ़िल्टर करने में मदद करता है। यह सिंथेटिक एस्ट्रोजन का एक रूप है जो हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है। साथ ही, अध्ययनों से पता चलता है कि यह कोरल रीफ (coral reefs) को नुकसान पहुंचाता है।

रेटिनिल पामिटेट -Retinyl Palmitate
यह विटामिन ए का एक रूप है, जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है। लेकिन सूरज के साथ मिल कर यह आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है। जानवरों पर किए गए अध्ययन से पता चला है कि जब यह सूरज के संपर्क में आता है, तो यह स्किन कैंसर का कारण बन सकता है।

फ्रेगरेंस-Fragrance
अधिकतर स्किन केयर प्रोडक्ट्स में फ्रेगरेंस मौजूद होती है और हमें लगता है कि इसका कोई नुकसान नहीं होगा। हमें लगता है कि यह प्रोडक्ट्स में केवल एक अच्छी खुशबू एड करने के लिए है। हालांकि, आर्टिफिशियल फ्रेगरेंस पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स में पाए जाने वाले सबसे आम एलर्जेन हैं और त्वचा में इरिटेशन पैदा कर सकते हैं।

टिंटेड सनस्क्रीन -Tinted sunscreens
टिंटेड सनस्क्रीन भले ही आपके दाग-धब्बों को छुपा देती हैं लेकिन यह आपको जरूरी प्रोटेक्शन नहीं देती। इसीलिए, आपको पहले सनस्क्रीन लगाना चाहिए और फिर फाउंडेशन/कंसीलर लगाना चाहिए। होमोसलेट -Homosalate
यह एक आम सनस्क्रीन इंग्रेडिएंट है जो यूवीबी किरणों को अवशोषित करके इन्हें स्किन के डायरेक्ट कॉन्टैक्ट में आने से रोकता है। होमोसैलेट केवल यूवीबी किरणों को अवशोषित करता है। साथ ही यह शरीर में हार्मोन के बैलेंस को बिगाड़ सकता है और इसीलिए आपके सनस्क्रीन में यह नहीं होना चाहिए।

पैराबेन, थैलेट्स, एसएलएस -Parabens, Phthalates, SLS
अध्ययनों से पता चला है कि इन अवयवों का उपयोग संभावित स्किन कैंसर का कारण बन सकता हैं और अगर इनसे बचा जाए तो यह त्वचा और शरीर के लिए सबसे अच्छा है।

डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

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