नई दिल्ली. अब चांद और मंगल ग्रह (Moon and Mars) पर से भी धरती (Earth) पर बात करना मुमकिन (Possible to Talk) होने जा रहा है. खास बात यह है कि इस मुश्किल को अगर मुमकिन बनाने वाला शख्स अगर भारतीय (Indian) हो तो प्रसन्नता और बढ़ जाती है. जी हां, बहुत जल्द ही अतरिक्ष यात्री (Astronauts) चांद और मंगल से अपने घर और सगे-संबधियों से बात करने लगेगें. इतना ही नहीं अंतरिक्ष यात्री चांद और मंगल ग्रह पर फोन पर फिल्म और वीडियो भी देख सकेंगे. बता दें कि अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) चांद पर मानव मिशन भेजने की तैयारी कर रही है. नासा ने चांद पर 4जी नेटवर्क स्थापित करने की जिम्मेदारी नोकिया (Nokia) को सौंपी है. आपको बता दें कि इस कंपनी की कमान फिलहाल एक भारतीय निशांत बत्रा (Nishant Batra) के हाथों में है. निशांत बत्रा का संबंध दिल्ली के एक मध्यमवर्गीय बिजनस परिवार से है.
बता दें कि निशांत नोकिया में ग्लोबल स्ट्रैटजी टेक्नोलॉजी हैड हैं. निशांत फिलहाल फिनलैंड के इस्पू में रह रहे हैं. इसके साथ ही बत्रा के पास बेल लैब्स में टेक्नोलॉजी और रिसर्च की जिम्मेदारी भी है. इस लैब को 9 नोबेल पुरस्कार और पांच ट्यूरिंग अवॉर्ड मिल चुके हैं. नासा ने अपने लूनर मिशन के लिए मोबाइल कनेक्टिविटी मुहैया कराने की जिम्मेदारी नोकिया को ही सौंपी है.
Nishant Batra: निशांत नोकिया में ग्लोबल स्ट्रैटजी टेक्नोलॉजी हैड हैं. (साभार-नोकिया)
अब चांद और मंगल ग्रह पर से भी धरती पर कर सकेंगे बात
निशांत का जन्म साल 1978 में हुआ और वह आईएनएसईएडी (INSEAD) बिजनस स्कूल से एमबीए किया है. निशांत इंदौर के देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर एप्लिकेशंस में बैचलर डिग्री हासिल कर अमेरिका के साउथर्न मेटोडिस्ट यूनिवर्सिटी (Southern Metodist University) से कंप्यूटर साइंस में स्नातक किया. निशांत को टेलीकॉम इंडस्ट्री में काम करने का लंबा अनुभव है.
निशांत बत्रा का भारत से क्या है कनेक्शन
बता दें नासा ने साल 2020 में लूर कनेक्टिविटी को यह प्रोजेक्ट दिया था. साल 2024 में नासा चांद पर इंसान को भेजने की योजना बना रहा है. चांद पर अब तक केवल नासा ने ही मानव मिशन भेजे हैं. नील आर्मस्ट्रॉन्ग 1969 में चांद की धरती पर उतरने वाले पहले इंसान थे. नासा ने अपने मून मिशन के लिए नोकिया के नेटवर्क का इस्तेमाल करना चाहता है.
चांद पर 4जी नेटवर्क स्थापित होने के बाद धरती पर कॉल किए जा सकते हैं.
चांद पर 4G नेटवर्क कैसे स्थापित होगा?
बत्रा के मुताबिक, ‘चांद पर 4जी नेटवर्क स्थापित होने के बाद धरती पर कॉल किए जा सकते हैं. साथ ही वहां पर इंटरनेट रहने के बाद मोबाइल. लैपटॉप पर फिल्में, वीडियो और गाने भी सुन सकते हैं.’ बता दें कि निशांत की टीम 6जी टेक्नोलॉजी में भी शोध कर रही है.
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निशांत ने आगे कहा कि हम चांद पर कम्युनिकेशन के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं. भारत के आईटी इंजीनियर्स दुनिया की सबसे बेहतर प्रतिभाओं में से एक हैं. ये लोग भविष्य में टेक्नोलॉजी के विकास में अहम भूमिका निभाएंगे. बहुत जल्द ही नोकिया ऐसे भारतीय प्रतिभाओं को अपने साथ शामिल करेगी.’
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