प्रीमियम सर्विस के साथ स्टारलिंक यूजर्स को 150-500 Mbps डाउनलोड स्पीड और 20-30ms की लेटेंसी दी जा सकती है। लेटेंसी उस वक्त को कहते हैं, जितनी देर में डेटा सिग्नल A से B पॉइंट तक पहुंचता है और फिर पॉइंट A पर वापस आ जाता है। इसे मिलीसेकंड (ms) में मापा जाता है। ज्यादा लेटेंसी का मतलब है डेटा ट्रांसमिशन में देरी। लेटेंसी जितनी कम होगी, उतना तेज इंटरनेट चलेगा। आमतौर पर 20ms से 40ms की लेंटेंसी रेंज को बेहतर माना जाता है।
स्टारलिंक ने अपनी वेबसाइट पर बताया है कि प्रीमियम सर्विस को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह खराब मौसम में भी बेहतरीन काम करेगी। यदि कोई परेशानी आती है, तो यूजर्स को प्राथमिकता के आधार पर सपोर्ट मिलेगा। यह सपोर्ट चौबीसों घंटे काम करेगा। स्टारलिंक की सर्विसेज अभी तक सभी इलाकों में उपलब्ध नहीं है।
स्टारलिंक को ऑपरेट करने वाली स्पेसएक्स (SpaceX) ने सैटेलाइट इंटरनेट को बेहतर बनाने के लिए हाल ही में 49 सैटेलाइट्स को लॉन्च किया है। कंपनी कुल 2000 से ज्यादा सैटेलाइट लॉन्च करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। आने वाले हफ्तों में और अधिक सैटेलाइट लॉन्च होने की उम्मीद है। अमेरिकी अधिकारियों ने स्पेसएक्स को 12 हजार मिनी-सैटेलाइट लॉन्च करने की इजाजत दी है।
यह प्रोजेक्ट दूरदराज के इलाकों तक इंटरनेट पहुंचाने के लिए डिजाइन किया गया है। लेकिन चिंताएं हैं कि छोटे सैटेलाइट की बढ़ती संख्या से पृथ्वी की कक्षा में भीड़ लगेगी और इससे कई खतरे हो सकते हैं।
बहरहाल, स्टारलिंक ने ‘प्रीमियम’ सर्विस के इच्छुक यूजर्स से कंपनी की वेबसाइट पर स्लॉट रिजर्व करने के लिए कह है। इस साल की दूसरी तिमाही में इसकी डिलीवरी शुरू होगी।
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