एकसाथ मिलकर ये सैटेलाइट्स पृथ्वी की निचली कक्षा में एक बड़ा तारामंडल बनाते हैं, जिसे स्टारलिंक कहा जाता है। स्पेसएक्स पहले ही 2,000 से अधिक ऐसे सैटेलाइट्स को लॉन्च कर चुकी है। इस साल के अंत तक कई और सैटेलाइट्स लॉन्च किए जाने की उम्मीद है। स्पेसएक्स को 12 हजार से ज्यादा स्टारलिंक सैटेलाइट्स को लॉन्च करने की इजाजत मिली है।
लॉन्च से जुड़ा एक वीडियो शेयर करते हुए एलन मस्क ने ट्वीट किया कि और 48 स्टारलिंक अभी ऑर्बिट में पहुंचे हैं। एलन मस्क पूरी दुनिया में स्टारलिंक सैटेलाइट्स का जाल बिछाने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन उनकी यह महत्वाकांक्षा अंतरिक्ष में बढ़ते उपग्रहों के मलबे से चिंता बढ़ाती है। ध्यान रहे कि स्पेसएक्स ने 30,000 सैटेलाइट्स को लॉन्च करने की मंजूरी मांगी है।
स्पेसएक्स के ज्यादातर लॉन्च ‘फाल्कन 9′ रॉकेट के जरिए किए गए हैं। यह दुनिया का पहला ऑर्बिटल-क्लास रॉकेट है और दोबारा उड़ान भर सकता है। इस रॉकेट ने जून 2010 में अपनी पहली टेस्टिंग की थी। फाल्कन-9 रॉकेट को रीयूज करने से सैटेलाइट्स को लॉन्च करने की लागत में कमी आती है।
स्पेसएक्स के इस प्रोजेक्ट को हाल में कुछ असफलताओं का सामना भी करना पड़ा है। पिछले महीने अंतरिक्ष में आए एक तूफान की वजह से स्पेसएक्स सैटेलाइट्स का पूरा बैच तबाह हो गया। उसके दर्जनों सैटेलाइट्स अंतरिक्ष से गिर गए और पृथ्वी के वातावरण में आते ही जलकर बर्बाद हो गए। भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए स्पेसएक्स ने सैटेलाइट्स को और ऊंचाई पर तैनात करने का फैसला किया है।
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