इस साल की शुरुआत में वनवेब ने कहा था कि रूस के सुदूर पूर्व से होने वाला एक लॉन्च कंपनी को 50 डिग्री अक्षांश नॉर्थ में हर जगह सर्विस पेश करने के काबिल बनाएगा। वनवेब ने यूनाइटेड किंगडम, अलास्का, नॉर्थ यूरोप, ग्रीनलैंड, आइसलैंड, कॉन्टिनेंटल अमेरिका, आर्कटिक समुद्र और कनाडा को उन इलाकों को अपनी लिस्ट में रखा है, जिन्हें वह फुल कनेक्टिविटी देने के लिए काम कर रही है।
Mission Success!
We are thrilled to have ended the year with another successful launch, with contact received from all 36 satellites. We have now launched over 60% of our constellation!
Thanks to all our team and distribution partners for a great year!https://t.co/jn9YhCSlJe pic.twitter.com/vue4UBQW4I
— OneWeb (@OneWeb) December 27, 2021
इंटरफैक्स समाचार एजेंसी ने कहा कि सोयुज-2.1बी रॉकेट से लॉन्च किए गए सैटेलाइट्स को कई चरणों में अलग किया जाएगा। पिछले साल दिसंबर में दिवालिया होने से उबरने के बाद वनवेब ने अपने लॉन्च फिर से शुरू किए हैं। कंपनी ने जापान के सॉफ्टबैंक और यूटेलसैट कम्युनिकेशंस से भी इन्वेस्टमेंट हासिल की है। भारती एंटरप्राइजेस भी कंपनी को मदद कर रही है। इस तरह वनवेब ने कुल 2.4 अरब डॉलर हासिल किए हैं।
‘सैटेलाइट इंटरनेट’ को लोगों तक पहुंचाने के लिए कई देशों की कंपनियां काम कर रही हैं। हाल ही में एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स SpaceX की स्टारलिंक Starlink ने भी एकसाथ अपने 52 इंटरनेट सैटेलाइटों को ऑर्बिट में पहुंचा दिया है।
स्टारलिंक कई देशों में अपनी सर्विस लॉन्च करने की तैयारी में है। इनमें भारत भी शामिल है। भारत की दस ग्रामीण लोकसभा में कंपनी अपनी सर्विस लाइव करने की तैयारी में है। SpaceX का लक्ष्य Starlink के तहत सैटेलाइट ग्रुप का इस्तेमाल करके दूरदराज के क्षेत्रों में हाइ स्पीड इंटरनेट मुहैया करवाना है। कंपनी भारत को उन बाजारों में गिनती है जिसके अंदर भविष्य में इसकी सर्विस के विकास की बड़ी संभावना है।
वहीं वनवेब और एयरटेल मिलकर सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू करने की तैयारी में हैं। वनवेब कुल 648 सैटेलाइट ऑर्बिट में भेजने पर काम कर रही है।