आंशिक सूर्य ग्रहण
यह सूर्य ग्रहण मध्यरात्रि 12 बजकर 15 मिनट से शुरू होकर सुबह 4 बजकर 7 मिनट तक जारी रहेगा। ये एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और इसका प्रभाव दक्षिण/पश्चिम अमेरिका, प्रशांत अटलांटिक और अंटार्कटिका में दिखाई देगा। आपको बता दें कि इस साल भारत में चार ग्रहण लगने वाले हैं, जिनमें दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण हैं।
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क्या होता है ‘सूर्य ग्रहण ‘ ?
जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी सीधे एक रेखा में होते हैं। ‘सूर्य ग्रहण के वक्त कुछ वक्त के लिए अंधेरा फैल जाता है। 4 दिसंबर को मार्गशीर्ष महीने की कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि है। इसलिए कुछ बातों का खास ख्याल रखने की जरूरत है।
क्या करें और क्या ना करें?
- अमावस्या के दिन ग्रहण लग रहा है इसलिए इस दिन लोगों को दान-पुण्य करना चाहिए।
- ग्रहण काल में पूजा स्थल पर मूर्तियों को छूना नहीं चाहिए।
- ग्रहण काल में भोजन नहीं करना चाहिए।
- ग्रहण काल में नए कपड़े या नई चीजों की शुरुआत नहीं करनी चाहिए।
- ग्रहण काल नें सोए नहीं, सहवास ना करें।
- गर्भवती महिलाएं ग्रहण काल में चाकू-कैंची और सुई का इस्तेमाल ना करें।
रखें इन बातों का ख्याल
- ग्रहण काल में नाखून कांटना, कंघी करना मना होता है।
- तुलसी के पौधे को भी हाथ ना लगाएं।
- सूर्य ग्रहण के वक्त घर से बाहर ना निकलें।
- बुजुर्ग और बच्चें भी खास तौर से बाहर ना निकलें।
- नग्न आंखों से सूर्य ग्रहण ना देखें।
प्रभु का नाम लें और इन मंत्रों का जाप करें
- ॐ मित्राय नम: ।
- ॐ भानवे नम: ।
- ॐ खगय नम: ।
- ॐ पुष्णे नम: ।
- ॐ मारिचाये नम: ।
- ॐ आदित्याय नम: ।
- ॐ सावित्रे नम: ।
- ॐ आर्काय नम: ।
- ॐ हिरण्यगर्भाय नम: ।