Skin During Pregnancy : गर्भावस्था हर मां के लिए सबसे सुखद एहसास में से एक है. साथ ही इसमें चुनौतियां भी कम नहीं होती. प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव (Hormonals Changes) के कारण शारीरिक और मानसिक फर्क देखने को मिलते हैं. जिसे महिला नौ महीने के लम्बे सफर में अनुभव करती है. कुछ बदलाव प्रसव (Pregnancy) के बाद खत्म हो जाते हैं, कुछ लम्बे समय तक बने रहते हैं. इसमें स्किन (Skin Changes) संबंधी परेशानियां भी शामिल है. अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की तरह ही त्वचा में होने वाले किसी भी बदलाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए. आज हम आपको पांच बदलाव बता रहे हैं जिन पर आपको गर्भावस्था के दौरान ध्यान देना चाहिए और अपने त्वचा विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए.
1. तिल
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपने तिलों में हर तरह के बदलाव का अनुभव होता है. आंकड़ों की माने तो इस दौरान लगभग 10 प्रतिशत महिलाएं अपने मौजूदा तिल में बदलाव की शिकायत करती हैं. इनमें से अधिकांश परिवर्तन अस्थायी होते हैं, जो त्वचा में खिंचाव के कारण होते हैं, विशेष रूप से स्तनों और पेट जैसे क्षेत्रों में. ऐसे तिलों से घबराने की आवश्यकता नहीं है. हालांकि, कुछ बदलाव संभावित त्वचा कैंसर का संकेत हो सकते हैं और नियमित जांच प्रारंभिक अवस्था में इसे रोकने में मदद कर सकती है. तो, ऐसे तिलों की तलाश करें जो विषम हों, ज्यादातर बहु-रंगीन या काले हों और जो 6 मिमी से अधिक हो.
2. ब्राउन डिस्कलरेशन
कई गर्भवती महिलाओं के पेट पर एक लम्बी भूरे रंग की लाइन बन जाती है. इसे लिनिया नाइग्रा के रूप में जाना जाता है, यह काली रेखा हार्मोनल परिवर्तनों के कारण बनती है. इसी तरह की रेखाएं कूल्हों और जांघों में भी देखी जा सकती हैं. यह गर्भावस्था का एक स्वाभाविक हिस्सा है और इसमें चिंता की कोई बात नहीं है. डिलीवरी के बाद ये लाइनें फीकी पड़ जाती हैं. कुछ महिलाओं में एक्जिमा और त्वचा का काला पड़ना भी देखा जाता है. यदि स्थिति अत्यधिक और असहनीय हो जाती है, तो कुछ मॉइस्चराइज़र या मलहम के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करें.
3. स्किन टैग्स्
तिल (मोल्स) की तरह, गर्भावस्था के दौरान छोटे, ढीले, हानिरहित त्वचा टैग का विकास भी आम बात है. ये टैग ज्यादातर बाहों और स्तनों के नीचे दिखाई देते हैं. एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के स्तर में वृद्धि के कारण वे ज्यादातर दूसरी और तीसरी तिमाही के दौरान दिखाई देते हैं. दुर्भाग्य से, आप उन्हें रोकने के लिए कुछ नहीं कर सकते. लेकिन आप अपने डॉक्टर से सलाह लेने के बाद गर्भावस्था के बाद इन्हें आसानी से हटा सकती हैं.
4.स्ट्रैच मार्क्स
स्ट्रैच मार्क्स या डिस्टेंसे एक सामान्य परिवर्तन है जो गर्भावस्था के दौरान होता है. बढ़ते बच्चे के लिए जगह बनाने के लिए गर्भाशय का विस्तार होता है और इसके साथ ही पेट की मांसपेशियों में भी खिंचाव आता है. स्तनों, नितंबों और कूल्हों जैसे क्षेत्रों में त्वचा में खिंचाव होना भी आम है. प्रसव के बाद, त्वचा की लाली वापस सामान्य हो जाती है, लेकिन निशान हमेशा के लिए रहता है. यदि आप निशान के बारे में चिंतित हैं, तो उपचार प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए मलहम लगाएं.
5. मुँहासो का आना (एकने ब्रेकआउट)
ब्लैकहेड्स से लेकर व्हाइटहेड्स तक, गर्भावस्था में हार्मोनल बदलाव के कारण गंभीर मुंहासे हो सकते हैं. ये एक्ने उन लोगों से काफी अलग होते हैं जो टीनएज के दिनों में निकलते हैं. इन मुंहासों के प्रकोप को संभालना काफी मुश्किल हो सकता है और गर्भावस्था के दौरान लगातार बना रह सकता है. बेहतर होगा कि आप खुद से किसी भी तरह के मुंहासों का इलाज न करें. उचित उपचार के लिए अपने त्वचा विशेषज्ञ या चिकित्सक से बात करें.
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