द हिल की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस घोटाले के हरेक विक्टिम को 2 हजार डॉलर (लगभग 1.5 लाख रुपये) से लेकर 5 मिलियन डॉलर (लगभग 3.7 करोड़ रुपये) के बीच नुकसान हुआ। पीड़ितों में से कई ने तो अपने रिटायरमेंट फंड्स ही गंवा दिए।
ग्रुप के बाकी मेंबर्स को भी 36 से लेकर 42 महीनों तक की जेल की सजा सुनाई गई है। साथ ही उन पर 9.5 मिलियन डॉलर (लगभग 71 करोड़ रुपये) तक का जुर्माना भी लगाया गया है।
मार्केट रिसर्च ट्रैकर CoinGecko के अनुसार, क्रिप्टो मार्केट में वर्तमान में ग्लोबल बूम देखा जा रहा है। क्रिप्टो का कुल मार्केट कैप हाल ही में $ 3 ट्रिलियन (लगभग 2 करोड़ 22 लाख 79 हजार 296 करोड़ रुपये) के निशान को छू रहा है।
साइबर क्रिमिनल्स अब अधिक असेट्स को चोरी करने के लिए क्रिप्टो होल्डर्स, इन्वेस्टर्स के साथ-साथ एक्सचेंजों को भी निशाना बना रहे हैं। हाल ही में, सोफोस की एक साइबर रिसर्च टीम ने 1.4 मिलियन डॉलर (लगभग 10 करोड़ रुपये) के टोकन से भरे एक बिटकॉइन वॉलेट का पता लगाया है। इसे घोटाला करके जुटाया गया है। स्कैमर्स- बम्बल और टिंडर जैसे डेटिंग ऐप के जरिए भी शिकार ढूंढ रहे हैं।
एक हालिया रिपोर्ट से पता चला है कि 2020 में कुल क्रिप्टो क्राइम की रकम लगभग 10.52 बिलियन डॉलर (79,194 करोड़ रुपये) थी। इसी रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि क्रिप्टोकरेंसी के लिए स्कैम और फ्रॉड एक बड़ी समस्या हैं, जो साल 2020 में कुल क्रिप्टोकरेंसी क्राइम का 67.8% था।
इससे पहले नवंबर में, यूएस फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) ने कहा था कि साइबर स्कैमर्स, दुर्भावनापूर्ण (मलिशस) लेनदेन को पूरा करने के लिए निर्दोष लोगों से फिजिकल क्रिप्टोकरेंसी एटीएम और डिजिटल क्यूआर कोड का उपयोग करा रहे हैं।