जानें कौन सा है वह संप्रदाय, जो करता है मात्र भगवान गणेश की पूजा।
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जानें कौन सा है वह संप्रदाय, जो करता है मात्र भगवान गणेश की पूजा।
प्रथम पूजनीय भगवान श्रीगणेश की पूजा हर शुभ कार्य में सबसे पहले की जाती है। भगवान गणेश बुद्धि के देवता हैं और ज्योतिष में इन्हें बुध ग्रह का देव भी माना गया है। बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा करना अत्यंत शुभ फलदायी होता है। गणेश उत्सव भगवान गणेश के भक्त द्वारा बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह भारत में विभिन्न स्थानों पर विभिन्न परंपराओं के साथ मनाया जाता है। गणेश उत्सव के दौरान भक्त भगवान गणेश को अपने घर या फिर बड़े पूजा पंडालों में विराजमान करते हैं और पूरे 10 दिन तक उनकी श्रद्धा से पूजा अर्चना करते हैं और उसके बाद उन्हे अनंत चतुर्दर्शी वाले दिन विसर्जित करते है। गणेश उत्सव के साथ विभिन्न मान्यताएँ प्रचलित है जिसमें सबसे ज्यादा प्रचलित है कि इन 10 दिन भगवान श्रीगणेश पृथ्वी पर आते हैं और उसके बाद विसर्जन की वह अपने माता पिता से मिलने अपने लोक लौट जाते है।
भगवान श्रीगणेश को मोदक आती प्यारे हैं। जो भी भक्तों उन्हें पूरी श्रद्धा के साथ मोदक का भोग लगाता है। वह उससे बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। वहीं भगवान गणेश की पूजा में तुलसी दल अर्पित करना अशुभ माना जाता है। भगवान गणेश की पूजा में तुलसी दल अर्पित करना वर्जित है। वहीं दूर्वा भगवान श्रीगणेश को अर्पित की जाती है। माता गौरी और भगवान शंकर के पुत्र भगवान श्री गणेश का जन्म चतुर्थी के दिन हुआ था जिसके बाद चतुर्थी तिथि गणेश चतुर्थी के नाम से जाने जानी लगी है। हर मास में दो गणेश चतुर्थी आती है जो कि गणेशजी को समर्पित होती है। भगवान श्री गणेश मूषक की सवारी करते है। इनकी दो पत्नियां है रिद्धि और सिद्धि।
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भगवान श्री गणेश सस्त गणों के स्वामी हैं इसलिए उनको गणेश जी के नाम से पुकारते हैं। भगवान गणेश के और भी नाम है जैसे कि एकदंत, गणपति। भगवान श्री गणेश को विघ्नहर्ता भी कहते हैं। भगवान श्रीगणेश अपने भक्तों के हर विघ्न को हर लेते हैं जिसके कारण उनका नाम विघ्नहर्ता है। भगवान श्री गणेश का मुख गज के समान है इसलिए उनका एक नाम गजानन है। वही भगवान श्री गणेश का एक और नाम लंबोदर भी है।
गणेशजी का सबसे प्रसिद्ध मंदिर महाराष्ट्र में स्थित सिद्धि विनायक मन्दिर है। वही सबसे प्रसिद्ध पंडाल लालबाग के राजा का पंडाल है। जो भी भक्त इस मंदिर और पंडाल में जाते हैं उनकी समस्त मनोकामनाएं पूरी होती है। कहते हैं भक्त यदि कोई भी इच्छा लेकर मंदिर में या गणेश चतुर्थी के अवसर पर पंडाल में आता है तो भगवान गणेश उसको कभी भी खाली हाथ नहीं लौटाते हैं। लालबाग के राजाके सामने तो बड़े बड़े प्रसिद्ध कलाकार भी शीश नवाने आते हैं। सिद्धि विनायक मन्दिर में अक्सर बड़े फ़िल्म निर्माताओं, निर्देशकों और कलाकारों को देखा जाता है। अपनी फ़िल्म की रिलीज से पहले वह भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने आते हैं और उनसे अपनी फ़िल्म की सफलता की कामना करते हैं। जिसके कारण यह मंदिर और पंडालअक्सर सुर्खियों में बना रहता है।
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ज्योतिषशास्त्र के अनुसार यदि किसी व्यक्ति को अपने बुध ग्रह को मजबूत करना है तो उसे भगवान श्री गणेश की पूजा करनी चाहिए क्योंकि भगवान श्रीगणेश बुद्ध गृह के कारक देव है।
महाराष्ट्र में एक सम्प्रदाय ऐसा भी है जिसे गणपत्य संप्रदाय के नाम से जाना जाता है। इस संप्रदाय के लोग केवल भगवान गणेश की ही पूजा करते हैं
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