Shani Sade Sati And Shani Dhaiya: शनि को एक क्रूर ग्रह बताया गया है. ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को कर्मफलदाता और दंडाधिकारी भी कहा गया है. शनि देव के बारे में माना जाता है कि ये व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर शुभ-अशुभ फल प्रदान करते हैं.
शनि की जब साढ़े साती या ढैय्या किसी भी राशि पर आरंभ होती है, तो व्यक्ति को कई प्रकार के कष्टों का सामना करना पड़ता है. शनि अपनी इन दशाओं में व्यक्ति को शिक्षा, जॉब, करियर, बिजनेस, दांपत्य जीवन, लव रिलेशन और सेहत से जुड़ी परेशानियां प्रदान करते हैं. यही कारण है कोई भी शनि देव को नाराज नहीं करना चाहता है हर कोई उनकी शुभ दृष्टि चाहता है. कुंडली में शनि देव शुभ होने अत्यंत शुभ परिणाम प्रदान करते हैं. वर्तमान समय में शनि साढ़े साती और ढैया किन राशियों पर चल रही है, आइए जानते हैं-
शनि की साढ़े साती
वर्तमान समय में धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़े साती चल रही है. ज्योतिष शास्त्र में शनि की चाल को बेहद धीमा बताया गया है. यही कारण है कि शनि देव को एक राशि से दूसरी राशि में जानें पर लगभग ढ़ाई वर्ष का समय लगता है.
शनि की ढैय्या
मिथुन राशि और तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है. शनि की ढैय्या में व्यक्ति को कार्यों में सफलता पाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.
शनि का राशि परिवर्तन 2022
वर्तमान में समय मकर राशि में गोचर कर रहे हैं. पंचांग के अनुसार 29 अप्रैल 2022 से शनि देव कुंभ राशि में गोचर करेंगे. मकर और कुंभ ये दोनों ही राशियां शनि देव की अपनी राशि मानी जाती हैं क्योंकि शनि इन राशियों के स्वामी ग्रह हैं. जिस वजह से इस राशि से जुड़े लोगों पर शनि देव की विशेष कृपा मानी जाती है. शनि के कुंभ राशि में गोचर शुरू करते ही मिथुन, तुला और धनु वालों को शनि की दशा से मुक्ति मिल जाएगी. जिसमें मिथुन और तुला राशि के लोग शनि ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी. तो वहीं धनु राशि वालों को शनि की साढ़े साती से.
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