Shani Dev , Shani Dhaiya : शनि से पीड़ित लोगों के लिए अप्रैल 2022 का महीना विशेष है. इस महीने शनि लगभग ढाई साल बाद राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं. शनि का राशि परिवर्तन इस वर्ष के राशि परिवर्तनों में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है. शनि राशि परिवर्तन या गोचर किन राशियों की मुश्किलें बढ़ाने जा रहा है और किन राशि वालों को राहत देने जा रहा है, आइए जानते हैं-
अप्रैल 2022 में होगा ग्रहों का बड़ा परिवर्तन
अप्रैल में ग्रहों का राशि परिवर्तन आरंभ हो चुका है. 7 अप्रैल से इसकी शुरूआत हो चुकी है. इस दिन मंगल ने कुंभ राशि में परिवर्तन किया था, 8 अप्रैल को बुध का भी परिवर्तन हो चुका है. शनि देव बहुत जल्द राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं. शनि के राशि परिवर्तन करते ही दो राशियों को शनि की ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी.
मकर राशि से कुंभ राशि में आएंगे शनि देव
शनि साढ़े साती की तरह ही शनि ढैय्या भी लोगों के जीवन को प्रभावित करती है. शनि साढ़े साती की अवधि जहां साढ़े सात साल की होती है तो शनि ढैय्या की अवधि ढाई साल की होती है. इस समय शनि मकर राशि में स्थित हैं.
शनि गोचर 2022
शनि का राशि परिवर्तन 29 अप्रैल 2022 को होगा. शनि इस दिन मकर राशि को छोड़कर कुंभ राशि में आ जाएंगे.इस समय 5 राशियों पर शनि देव की नजर है.
मिथुन और तुला राशि वालों को राहत
मिथुन और तुला वालों को इस साल शनि ढैय्या से मिल जाएगी मुक्ति. शनि जब भी राशि बदलते हैं तो किसी राशि वालों को शनि ढैय्या से मुक्ति मिल जाती है तो किसी को शनि साढ़े साती से. 29 अप्रैल 2022 में शनि अपनी राशि बदल रहे हैं. इस दौरान मिथुन और तुला वालों को शनि ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी. लेकिन 12 जुलाई को फिर से शनि देव मकर राशि में आ जायेंगे जहां ये 17 जनवरी 2023 तक रहेंगे. इस अवधि में मिथुन और तुला जातक एक बार फिर शनि ढैय्या की चपेट में आ जायेंगे. इस तरह से देखा जाए तो इन्हें शनि की दशा से पूर्ण रूप से मुक्ति 17 जनवरी 2023 को ही मिलेगी.
इन राशियों की बढ़ जाएंगी मुश्किलें
मिथुन और तुला राशि को शनि ढैय्या से मुक्ति मिलेगी. वहीं कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर ये ढाई साल की दशा शुरू हो जाएगी. इसी के साथ मीन वालों पर शनि साढ़े साती का आरंभ होगा और धनु वालों को इससे मुक्ति मिल जाएगी.
नवरात्रि की अष्टमी पर कर लें ये उपाय
9 अप्रैल का दिन विशेष है. इस दिन शनिवार है और नवरात्रि का आठवां दिन भी है. इसे महा अष्टमी भी कहते हैं. इस दिन महागौरी की पूजा की जाती है. इन देवी की पूजा से शनि शांत होते हैं. इस दिन शनि चालीसा और हनुमान चालीसा का पाठ करें. गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करें. बड़े बुजुर्गों का सम्मान करें. भगवान शिव की अराधना करें. पीपल के पेड़ पर सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
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