Google के एक कर्मचारी और यूक्रेनी अमेरिकी नागरिक, ओलेक्सी ओरेश्को ने कहा कि प्रतिबंध काफी नहीं हैं। कंपनियों को जितना जल्दी हो सके, रूस को आइसोलेट करने की कोशिश करनी चाहिए। ओलेक्सी समेत 9 टेक एक्टिविस्ट से रॉयटर्स ने बात की। ये सभी यूक्रेन से ताल्लुक रखते हैं और वहां की सरकार द्वारा विदेशों में रह रहे यूक्रेनी लोगों से एक वॉलंटियर ‘IT आर्मी’ बनाने की अपील पर अपना सहयोग दे रहे हैं।
गौरतलब है कि कई कंपनियों ने रूस के साथ नई ट्रेड डील्स को खत्म कर दिया है, लेकिन विदेशों में रह रहे यूक्रेनी लोग और कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। उनकी अपील साइबर सिक्योरिटी कंपनियों से है कि वो अपने रूसी क्लाइंट्स का साथ छोड़ दें।
पालो ऑल्टो-बेस्ड सॉफ्टवेयर निर्माता कंपनी क्लाउडलिनक्स के चीफ एग्जीक्यूटिव इगोर सेलेटस्की ने क्लाउडफ्लेयर से रूसी न्यूज वेबसाइटों का साथ छोड़ने का अनुरोध किया है। उन्होंने इस बारे में कंपनी को ई-मेल भी लिखा है। जवाब में क्लाउडफ्लेयर ने कहा है कि उसने कुछ कस्टमर्स को टर्मिनेट कर दिया है और सेलेटस्की के ई-मेल में दिए गए अकाउंट्स की समीक्षा की जा रही है। हालांकि कंपनी का कहना है कि वह सावधानी से इस मामले को देख रही है, क्योंकि टर्मिनेशन से कस्टमर सिक्योरिटी पर भी असर पड़ेगा।
स्पैनिश डिलीवरी ऐप ‘ग्लोवो’ के लिए काम करने वाले फिलिप लिप्नियाकोव ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ‘IT वॉर’ यूक्रेन की रक्षा करेगा।
जानकारी के मुताबिक, Google के सैकड़ों यूक्रेनी वर्कर्स ने CEO सुंदर पिचाई को लिखे एक लेटर में साइन किए हैं। इसमें गूगल सर्विसेज के जरिए यूक्रेन की ज्यादा से ज्यादा मदद करने की बात कही गई है। कंपनी ने इस पर कमेंट करने से इनकार कर दिया, लेकिन गौरतलब है कि गूगल ने यूक्रेन में सुरक्षा उपायों को बढ़ाने का काम किया है।