Tuesday, March 29, 2022
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Russia Ukraine: युद्ध की भविष्यवाणी का वायरल हो रहा है भारतीय पंचांग जानें क्या लिखा इसमें।


रूस- यूक्रेन युद्ध की भविष्यवाणी का वायरल हो रहा है भारतीय पंचांग जानें क्या लिखा इसमें।
– फोटो : google

रूस- यूक्रेन युद्ध की भविष्यवाणी का वायरल हो रहा है भारतीय पंचांग जानिए और क्या लिखा इसमें

कई दिनों से एक संचार सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि ग्रह नक्षत्रों के आधार पर देश- दुनिया के हालात साथ ही रूस यूक्रेन युद्ध की भविष्यवाणी का उल्लेख किया गया है।

भारतीय पंचांग जंत्री में दावा किया गया है कि लगभग 26 फरवरी 2022 के बाद 7 अप्रैल 2022 तक शनि और मंगल का मकर राशि में योग यूरोपीय देशों की नीति विश्वव्यापी अशांति खिंचवा महायुद्ध का वातावरण बना सकती है। इस पंचांग में संपूर्ण विश्व की स्थिति के बारे में लिखा हुआ है परंतु खासकर युद्ध के परिप्रेक्ष में उसकी यह भविष्यवाणी के सच होने का दावा किया जा रहा है।

पहले भी बनी थी इस प्रकार की स्थिति: बताया जा रहा है कि जब भी इस तरह की गोचर स्थिति बनती है तो बीमार युद्ध अराजकता के साथ महंगाई भी तेजी से बढ़ती है यह स्थिति 1962 के अलावा 1992- 93 में उत्पन्न हुई थी। 1992 में अफगानिस्तान में गृह युद्ध के बाद तालिबान का कब्जा हुआ था। गत वर्ष 2020 में शनि देव का मकर राशि में प्रवेश करते हुए भारत -चीन के मध्य युद्ध हुआ था।

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26 फरवरी 2022 को शनि के साथ मंगल ग्रह का नाम अंगारक योग बना रहा है जो कि जान -माल के साथ और ज्यादा घातक होता है। इससे अराजकता के साथ हिंसा, रक्तपात, प्राकृतिक आपदाएं बढ़ सकती है।

यूक्रेन रूस के बीच युद्ध 26 फरवरी से 3 दिन पूर्व ही आरंभ हो गया। इसे लेकर सोशल मीडिया पर इस पंचांग की भविष्यवाणी इन दिनों खूब वायरल हो रही है। कहा जा रहा है कि भारतीय संस्कृति, धर्म ग्रंथ ,ज्योतिष कितने प्रमाणिक है ,इसका अंदाजा वैदिक पंचांगों से लगाया जा सकता है। यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध की भविष्यवाणी पंचांगों में 1 वर्ष पूर्व भी कर दी गई थी।

आखिर यह पंचांग है कहां का: बताया जा रहा है कि यह भारतीय कैलेंडर किशोर जंत्री 2022 की है जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है ।इस पंचांग में यह भी लिखा है कि आने वाले समय में गुरु, शुक्र एवं शनि, मंगल की स्थिति के कारण मुस्लिम राष्ट्रों की नीति एवं भारत के साथ उनके व्यवहार में सुधार संभव है।

किशोर जंत्री कैलेंडर के जरिए आप सभी भारतीय त्योहारों , अवकाशों,  आदि की संपूर्ण जानकारी हासिल कर सकते हैं ।कहा जा रहा है कि यह कैलेंडर  एस्ट्रोसेज द्वारा पेश किया गया है ,जिसमें प्रत्येक माह के ग्रह गोचर अनुसार महत्वपूर्ण घटनाओं की सटीक तारीख और दिन की जानकारी प्रदान की गई है ।इस भारतीय कैलेंडर की मदद से भारतीयों अवकाशों और क्षेत्रीय त्योहारों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

अंगारक योग बनता है युद्ध का कारण: इस समय विक्रमी संवत 2078 के अंतर्गत आनंद नामक संवत्सर चल रहा है ।दरअसल इस संवत की शुरुआत मंगलवार को हुई थी ।संवत्सर की राजा और मंत्री मंगल है ,मंगल को ज्योतिष में युद्ध का कारक ग्रह माना जाता है ।वर्तमान में मकर राशि में शनि देव पहले से ही विद्यमान है। 26 फरवरी को मंगल भी मकर राशि में आ गए ।मकर राशि में मंगल सबसे ज्यादा बलवान होता है ,क्योंकि यह उसकी उच्च दशा की राशि है। यहीं पर शनि और मंगल की युति से अंगारक नामक योग का निर्माण हुआ है ।यह योग 7 अप्रैल तक रहेगा या युद्ध भूकंप सीमा पर तनाव की स्थिति को बढ़ाता है ।पंचांग में साफ लिखा है कि अंगारक योग यूरोपीय देशों के बीच युद्ध का कारण बनेगा।

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यही कारण है कि 26 फरवरी को मकर राशि में पहले से विराजमान शनि के साथ मंगल ग्रह पहुंचे ,उसके 3 दिन पूर्व ही हिंदुओं ने अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया था और यूक्रेन -रूस के बीच युद्ध 26 फरवरी से 3 दिन पूर्व ही आरंभ हो गया।

38 साल के अंतर पर बनती है ऐसी स्थिति: ज्योतिष मान्यता के अनुसार 38 साल के अंतर पर सनी ने इन्हीं क्षेत्रों में युद्ध या हिंसात्मक कारवाई की स्थिति बनाई है। पिछले 3 वर्षों से पूरे विश्व में अशांति है, महामारी फैली है और साथ ही भारत -पाकिस्तान के साथ ही भारत -चीन के बीच भी तनाव बढ़ा हुआ है। 2020 में गलवान घाटी विवाद में भारत चीन के कई सैनिक मारे गए थे। उस समय भी शनि मकर राशि में गोचर हो रहा था। शनि मकर राशि में 28 अप्रैल 2022 तक रहेगा। तब तक पूरे विश्व में तनाव का माहौल रहेगा।

भारत का दबदबा बढ़ेगा: स्वतंत्र भारत वर्ष की वृषभ लग्न की कुंडली के नवम भाव अर्थात भाग्य भाव में यह पंच ग्रही योग बन रहा है और राशि अनुसार कर्क राशि से या सप्तम भाव में बन रहा है। ऐसी स्थिति में जो पंच ग्रही योग दुनिया में भारत का मान सम्मान बढ़ाने वाला साबित होगा। भारत अपने विरोधी देशों पर भारी पड़ता हुआ नजर आएगा और विश्व मंच पर अपनी अलग पहचान बनाने में सर्वोपरि दिखेगा। यह देशवासियों के साहस और पराक्रम में भी वृद्धि करेंगे तथा भाग्य को मजबूत बनाएंगे जिससे विश्व पटल पर भारत की छवि मजबूत होगी।

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