Tenev का मानना है कि Dogecoin में कुछ बदलाव करने से इसका इस्तेमाल काफी बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि यह रोजाना की जाने वाली पेमेंट्स और ऑनलाइन ट्रांजैक्शंस का एक कारगर जरिया बन सकता है। Tenev ने ट्वीटर के जरिए बताया कि Dogecoin का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए किन सुधारों की जरूरत है। उनका कहना था कि इसके ब्लॉक साइज और ब्लॉक से जुड़े टाइम में सुधार होना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने इसकी गैस फीस में कमी करने की जरूरत बताई। Dogecoin का ब्लॉक साइज 1 MB और ब्लॉक से जुड़ा टाइम 1 मिनट का है जिससे प्रति सेकेंड 40 ट्रांजैक्शंस का आउटपुट मिल सकता है।
Dogecoin के लिए जल्द ही इंटरनेट एक्सेस के बिना भी ट्रांजैक्शंस शुरू हो सकती हैं। इसके लिए RadioDoge कहे जा रहे एक प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है। Dogecoin Foundation के डिवेलपर्स Michi Lumin और Timothy Stebbing ने बताया कि RadioDoge से कैसे ऑफलाइन DOGE ट्रांजैक्शंस की SpaceX के Starlink सैटेलाइट नेटवर्क के इस्तेमाल से सुविधा मिल सकती है।
इन डिवेलपर्स ने एक ब्लॉग पोस्ट में यह भी कहा है कि एक RadioDoge Regional Hub बनाया गया है जो इस नई टेक्नोलॉजी के लिए टेस्टिंग करेगा। इसके प्रोटोटाइप में एक वायर एंटीना और पेड़ शामिल है। उन्होंने बताया, “RadioDoge कम लागत वाली और विश्वसनीय रेडियो टेक्नोलॉजी के साथ ग्लोबल स्टारलिंक सैटेलाइट नेटवर्क को मिलाकर ऐसे लोगों तक Dogecoin को पहुंचाना चाहता है जो इंटरनेट के दायरे से बाहर हैं।” उनका कहना था कि इस तरह की पहली ट्रांजैक्शन अमेरिका के कोलोराडो में मौजूद HF रेडियो से 150 से अधिक मील की दूरी पर Regional Hub में ट्रांसमिट होगी। Regional Hub से ट्रांजैक्शंस को स्टारलिंक सैटेलाइट के इस्तेमाल से Dogecoin टेस्टनेट पर भेजा जाएगा। RadioDoge के अलावा फाउंडेशन कुछ अन्य प्रोजेक्ट्स पर भी काम कर रही है जिनसे Dogecoin की लोकप्रियता बढ़ सकती है। हालांकि, फाउंडेशन ने यह नहीं बताया है कि RadioDoge की कब तक शुरुआत होने की संभावना है।
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