Relationship Tips: हाल ही में बॉलीवुड एक्ट्रैस कटरीना कैफ और विक्की कौशल की शादी (Marriage) की खबरों ने सोशल मीडिया पर जमकर सुर्खियां बटोरीं. लेकिन इसी के साथ शादी में ऐज फैक्टर (Age Factor) एक बार फिर लोगों के बीच हॉट टॉपिक बन गया. दरअसल सदियों से न सिर्फ भारत में बल्कि कई पश्चिमी देशों में भी पति का पत्नी से उम्र में बड़ा होने का रिवाज रहा है. ऐसे जब कुछ जोड़े (Couples) परंपराओं की बेड़ियां तोड़कर अपना जीवन साथी चुनते हैं, तो उनका चर्चा में आना आम बात हो जाती है. बी-टाउन से लेकर क्रिकेट जगत तक इसके कई उदाहरण देखने को मिल जाएंगे. इस फेहरिस्त में मशहूर क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर से लेकर ऐश्वर्या राय-अभिषेक बच्चन और प्रियंका चोपड़ा-निक जोनस तक कई नाम शामिल हैं. कुछ लोग इस ट्रेंड को नकारते नजर आते हैं, तो कुछ इसे हैप्पी मैरिड लाइफ का राज बताते हैं. जी हां, एक्सपर्ट की मानें तो उम्र में अपने से बड़ी पार्टनर चुनने के एक नहीं बल्कि कई फायदें होते हैं.
इमोशनली स्ट्रॉन्ग होना
बढ़ती उम्र के साथ हर इंसान का मैच्योरिटी लेवल भी बढ़ने लगता है. जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव देखने के कारण लोग किसी भी स्थिति से मजबूती से निपटने के लिए तैयार रहते हैं. साथ ही हर फैसला शांत दिमाग से सोच-समझ कर लेते हैं. ऐसे में पत्नी अगर उम्र में बड़ी हो तो जाहिर है वो धैर्यवान और भावनात्मक रूप से काफी मजबूत रहेगी.
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बेहतर रहेगी आर्थिक स्थिति
टीन एजर्स अक्सर फैशन, मंहगे कपड़े, अच्छा खाना और लक्जरी लाइफ जीने के शौकीन होते हैं. लेकिन उम्र बढ़ने के साथ-साथ उनका सामना वास्तविकता से होने लगता है. ऐसे में उम्र में बड़ी पत्नी फाइनेंस को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकती है और अपने अनुभव पर आधारित फैसले लेकर सेविंग्स बढ़ाने में भी मदद करती है.
बदलेंगे प्यार और रोमांस के मायने
ज्यादातर लोगों का मानना है कि उम्र के साथ रोमांस कम हो जाता है. लेकिन यह धारणा बिल्कुल गलत है. हां, ये कहा जा सकता है कि रोमांस और प्यार के तरीके बदल जाते हैं. कम उम्र में जहां लोग शॉपिंग, मूवी, क्वालिटी टाइम और डेट पर जाने को प्यार की परिभाषा से जोड़कर देखते हैं, वहीं मैच्योरिटी आने के बाद ये सारी चीजें कपल्स के बीच मायने नहीं रखती हैं और वे एक-दूसरे की भावनाओं के बेहतर तरीके से समझ सकते हैं. ऐसे प्यार जताने के लिए एक्ट्रा एफर्टस करने की जरूरत नहीं पड़ती है. वहीं उम्र में बड़ी पत्नी भी अक्सर बेबाकी से अपनी राय पति के सामने रखती है.
रिश्तों में बेहतर तालमेल
उम्र में बड़ी पत्नियां ससुराल, पति और बच्चों को ज्यादा अच्छी तरह से मैनेज करतीं हैं. कम ऐज में लोग ज्यादा भावुक होते हैं, जिसके कारण वो न सिर्फ छोटी-छोटी बातों पर परेशान हो जाते हैं, बल्कि गुस्सा भी बहुत जल्दी होते हैं. डॉक्टर मार्टी नेम्को के लेख ‘द केस फॉर मेन मैरिइंग ऐन ओल्डर वुमन’ के अनुसार बच्चों को पालने के लिए धैर्य की जरूरत होती है और ये चीज बड़ी ऐज की फीमेल में ज्यादा देखने को मिलती है.
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चुनौतियां भी कम नहीं
उम्र में बड़ी पार्टनर चुनने का मतलब ये कतई नहीं है कि आपकी मौरिड लाइफ प्राब्लम फ्री हो जाती है. जी नहीं, आम शादियों की तरह आपकी लाइफ में भी कई चुनौतियां देखने को मिलती हैं लेकिन इस स्थिति में मैच्योर कपल्स एक-दूसरे को समझते हैं. असल मायने में ये प्यार की परीक्षा का फेज होता है, जिसे एक साथ पार करना ही हैप्पी मैरिड लाइफ का सीक्रेट होता है.(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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