गौरतलब है कि इस साल के केंद्रीय बजट में सरकार ने किसी भी वर्चुअल डिजिटल एसेट के ट्रांसफर के जरिए होने वाली आय पर टैक्स लगाने की बात कही है। यह 30 फीसदी होगा। इसके साथ ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की डिजिटल करेंसी लॉन्च की जाएगी। कुल मिलाकर सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध नहीं लगाया है, लेकिन उसे भारी टैक्स के दायरे में लाकर यह जता दिया है कि क्रिप्टो निवेशकों को वह बहुत राहत नहीं देने वाली। सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि टैक्स लगाने का मतलब यह नहीं है कि देश में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता मिल गई है। यही वजह है कि RBI गवर्नर क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बरकरार जोखिमों पर आगाह कर रहे हैं।
Cryptocurrencies a threat to macroeconomic and financial stability: RBI Governor Shaktikanta Das
— Press Trust of India (@PTI_News) February 10, 2022
उन्होंने अपने बयान से स्पष्ट कर दिया है कि जो भी निवेशक निजी क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगा रहे हैं, वह उनका रिस्क है। RBI या कोई बैंक इसमें उनकी कोई मदद नहीं कर सकता।
भारत में 15 से 20 मिलियन क्रिप्टो निवेशक हैं। इनकी कुल क्रिप्टो होल्डिंग्स लगभग 40,000 करोड़ रुपये है। इंडियन क्रिप्टो मार्केट के साइज पर कोई ऑफिशियल डेटा उपलब्ध नहीं है।
दूसरी ओर क्रिप्टो मार्केट को सेफ बनाने के लिए भी पहल की जा रही हैं। क्रिप्टो से संबंधित कुल 17 कंपनियां ‘क्रिप्टो मार्केट इंटीग्रिटी गठबंधन (CMIC)’ नाम का एक नया ग्रुप बनाने के लिए साथ आई हैं। यह गठबंधन ओवरऑल क्रिप्टो मार्केट को बिजनेस करने के लिए एक सेफ जगह बनाने पर काम करेगा। न्यू यॉर्क सिटी की इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी कंपनी सॉलिडस लैब्स (Solidus Labs) ने इस ग्रुप के गठन की पहल की है। मार्केट के गलत इस्तेमाल और हेरफेर को खत्म करने के मकसद से Coinbase, Huobi Tech, BitMEX, Bitstamp और Securrency समेत कुल 17 फर्में CMIC में शामिल हो गई हैं।
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