सीतारमण ने कहा, “डिजिटल करंसी का डिजाइन तय करने की जिम्मेदारी RBI को ही दी गई है। हमें RBI की ओर से जारी डिजिटल करंसी में फायदा दिख रहा है क्योंकि मौजूदा दौर में देशों और बड़ी कंपनियों के बीच बल्क पेमेंट्स और बड़ी ट्रांजैक्शंस हो रही हैं और इसे डिजिटल करंसी के जरिए बेहतर तरीके से किया जा सकता है।”
क्रिप्टो सेगमेंट को रेगुलेट करने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि वह इस बहस में नहीं पड़ना चाहती कि सरकार को इसे रेगुलेट करना चाहिए या इस पर बैन लगाना चाहिए। इस बारे में विचार-विमर्श के बाद किया जाएगा। सीतारमण ने बताया, “इस पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। इस विषय में दिलचस्पी रखने वालों का इसमें हिस्सा लेने के लिए स्वागत है। विचार-विमर्श की प्रक्रिया पूरी होने पर मिनिस्ट्री इस पर आगे बढ़ेगी।” देश में क्रिप्टो को लेकर संभावना पर सीतारमण ने कहा बहुत से लोग इसमें काफी संभावना देख रहे हैं और इस वजह से इससे रेवेन्यू भी मिल सकता है।
सीतारमण ने कहा, “बिजनेस में हर जगह टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना चुनौती होगी क्योंकि हमारे पास लेबर अधिक है। हमारे पास स्किल्ड, सेमी स्किल्ड और हाई टेक्नोलॉजी स्किल्ड युवाओं की बड़ी संख्या है।” इस वर्ष के बजट में 75 डिजिटल बैंकिंग यूनिट्स (DBU) की घोषणा के बारे में उन्होंने बताया कि देश को इनकी जरूरत है। सरकार ऐसे लोगों की तलाश कर रही है जो इसे खोलना चाहते हैं और सरकार इसमें उनकी मदद करेगी। सीतारमण ने कहा कि देश के नागरिकों ने बिजनेस करने के डिजिटल तरीके को अपनाया है और इसके लिए सुविधाएं उपलब्ध कराने की जरूरत है। उनका कहना था कि इकोनॉमी में सप्लाई से जुड़ी रुकावटों को दूर करने के साथ ही जनसंख्या के निचले तबके की ओर भी देखने की जरूरत है जो कई मुश्किलों का सामना करता है। यह पक्का करना होगा कि इस तबके की मूलभूत जरूरतें पूरी हों।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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