इस बार पुष्य नक्षत्र समेत इन दुर्लभ योगों में मनेगी राम नवमी
– फोटो : google
इस बार पुष्य नक्षत्र समेत इन दुर्लभ योगों में मनेगी राम नवमी
राम नवमी या राम नवमी, भारत में सबसे बड़े और सबसे शुभ हिंदू त्योहारों में से एक है जो चैत्र नवरात्रि के नवें दिन मनाया जाता है. इस साल राम नवमी 10 अप्रैल को है, राम नवमी भगवान राम के जन्म का प्रतीक है. इस वर्ष रामनवमी के दिन रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग का निर्माण होगा जो अत्यंत ही शुभ प्रभाव दायक होगा. हिंदू शास्त्रों के अनुसार इसी दिन अयोध्या में रामनवमी के दिन भगवान राम का जन्म हुआ था. भक्तों का मानना है कि भगवान राम भगवान विष्णु के अवतार हैं. उनका जन्म हिंदू कैलेंडर के अनुसार, चैत्र के महीने में शुक्ल पक्ष के दौरान नवमी तिथि को हुआ था. ऐसा माना जाता है कि भगवान राम का जन्म मध्याह्न या दिन के दोपहर के दौरान हुआ था और इसलिए रामनवमी पूजा करने के लिए यह सबसे शुभ समय है, अत: मध्याह्न क्षण ठीक उसी समय को दर्शाता है जब श्री राम का जन्म हुआ था और मंदिरों में विशेष पूजा और यज्ञ किए जाते हैं इस समय श्री राम के नाम और मंत्रों और भजनों का जाप किया जाता है.
इस नवरात्रि कराएं कामाख्या बगलामुखी कवच का पाठ व हवन।
राम नवमी पूजान
पारंपरिक रूप से रामनवमी पर, भक्त ‘आठ प्रहर’ या 24 घंटे का उपवास करते हैं. राम नवमी पृथ्वी पर भगवान राम के विष्णु अवतार के अवतरण को दर्शाने करने के लिए मनाई जाती है. उनका जन्म अयोध्या में त्रेता युग में रानी कौशल्या और राजा दशरथ के यहाँ हुआ था. भगवान राम का उल्लेख न केवल प्राचीन हिंदू ग्रंथों में मिलता है, बल्कि जैन और बौद्ध धर्मग्रंथों में भी मिलता है. भगवान राम पर रचित हिंदू महाकाव्य रामायण सभी की भक्ति का केन्द्र बिंदू भी रहा है.
महत्व
श्री विष्णु अवतार थे श्री राम
राम नवमी का पर्व भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान राम के जन्म दिवस के समय के रुप में मनाया जाता है. यह आमतौर पर चैत्र नवरात्रि के नौवें दिन पड़ता है राम नवमी पर, बड़ी संख्या में भक्त मंदिरों में दर्शन करने, रामायण के पवित्र ग्रंथों का पाठ करने, भजन या कीर्तन में भाग लेने के लिए आते हैं. भक्त भगवान राम की लघु मूर्तियों को भी लाते हैं, स्नान कराते हैं और कपड़े पहनाते हैं और उन्हें पालने पर रखते हैं. भगवान की पूजा के लिए दीपक जलाए जाते हैं और उन्हें प्रसन्न करने के लिए खीर इत्यादि मिष्ठान तैयार किए जाते हैं. कन्या पूजन के लिए घर पर नौ कन्याओं को आमंत्रित कर हलवा व पूड़ी परोसी जाती है.
अष्टमी पर माता वैष्णों को चढ़ाएं भेंट, प्रसाद पूरी होगी हर मुराद
राम नवमी महत्व
अयोध्या में त्रेता युग में कौशल्या और दशरथ के घर जन्में राम का जन्म भी असाधारण कथा को दर्शाता है. कथाओं के अनुसार कैसे राजा और उनकी तीन रानियों- सुमित्रा, कैकेयी और कौशल्या ने ऋषि वशिष्ठ की सलाह पर यज्ञ किया, जब उनमें से कोई भी अयोध्या के अगले शासक को जन्म देने में सक्षम नहीं था.एक यज्ञ के बाद, उन्हें यज्ञ के भगवान, यज्ञ द्वारा आशीर्वादित खीर प्राप्त होती है. रानियों ने शीघ्र ही गर्भ धारण किया और पुत्रों को जन्म दिया. कौशल्या ने राम को जन्म दिया, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न कैकेयी और सुमित्रा से पैदा हुए थे. अयोध्या में रामनवमी का उत्सव उल्लेखनीय है, इस दिन, अयोध्या रोशनी से सजी रहती है और भक्त मंदिर में आते हैं. अयोध्या में दूर-दूर से लोग आते हैं तथा सरयू नदी में पवित्र स्नान करते हैं.
अधिक जानकारी के लिए, हमसे instagram पर जुड़ें ।
अधिक जानकारी के लिए आप Myjyotish के अनुभवी ज्योतिषियों से बात करें।