डिजिटल डेस्क,काठमांडू। नेपाल में तीन दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के बाद बाढ़ और भूस्खलन ने तबाही मचा दी है। प्राकृतिक आपदा ने अब तक छह लोगों की जान ले ली है।
नेपाल के गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि देश के 19 जिले बाढ़ और भूस्खलन से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जिससे पिछले तीन दिनों में कम से कम छह लोगों की मौत हो गई है। देश में पहले ही मानसून के मौसम का अंत हो चुका था, लेकिन जलवायु परिस्थितियों में अचानक बदलाव ने जनजीवन को प्रभावित किया है। यात्रा और संचार, बिजली की आपूर्ति और कृषि उपज की कटाई को प्रभावित किया है।
अधिकारियों के अनुसार, कई राजमार्ग बाधित हो गए हैं, जबकि घरेलू उड़ानें निलंबित कर दी गई हैं। बारिश और बाढ़ ने देश के कई हिस्सों में धान की कटाई को बुरी तरह प्रभावित किया है। किसान धान की कटाई के लिए तैयार थे, लेकिन लगातार बारिश के कारण हजारों हेक्टेयर धान की फसल पानी में डूब गई है।
मौसम पूर्वानुमान विभाग (एमएफडी) ने कहा कि बारिश कुछ दिनों तक जारी रहेगी। ऊंची पहाड़ी और पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी की भी संभावना है।
एमएफडी ने मंगलवार को अपने बुलेटिन में कहा कि इस समय देश के अधिकांश हिस्सों में बादल छाए हुए हैं और हल्की से मध्यम बारिश हो रही है। रात को पूरे देश में हल्की से मध्यम हिमपात होने की संभावना है। इसी तरह, देश के पूर्व, मिडाट और सुदूर-पश्चिम क्षेत्र में कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है। कई नदियां भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
बंगाल की खाड़ी और मध्य भाग में विकसित निम्न दबाव की मौसम प्रणाली नेपाल की मौसम प्रणाली पर भारत का प्रभाव पड़ रहा है।
प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने गृहमंत्री बालकृष्ण खड़ को लापता लोगों के बचाव और खोज अभियान को सुनिश्चित करने और बाढ़ और भूस्खलन के कारण जोखिम का सामना कर रहे लोगों का सुरक्षित स्थानांतरण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
देउबा के सचिवालय ने एक बयान में कहा कि उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि देश के विभिन्न हिस्सों में लगातार बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित लोगों के लिए तत्काल बचाव और राहत की व्यवस्था की जाए।
(आईएएनएस)