Highlights
- साल में 12 पूर्णिमा पड़ती हैं
- जानिए साल 2022 में कब-कब है पूर्णिमा
हिंदू धर्म में पूर्णिमा का काफी अधिक महत्व है। इस दिन चंद्रमा अपने पूर्ण आकार में होता है। पूर्णिमा के मौके पर स्नान-दान का बहुत अधिक महत्व है। 17 जनवरी को साल की पहली पूर्णिमा पड़ी थी। अब आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए साल 2022 में फरवरी से लेकर दिसंबर तक कब-कब पूर्णिमा पड़ रही है।
माघी पूर्णिमा, 16 फरवरी 2022
इस वर्ष की दूसरी पूर्णिमा 16 फरवरी, दिन बुधवार को पड़ रही है। इस दिन पूर्णिमा तिथि 15 फरवरी की रात 9 बजकर 45 मिनट से 15 तारीख की रात 10 बजकर 27 मिनट तक रहेगी। कहा डाता हैं कि माघी पूर्णिमा के दिन स्वयं भगवान विष्णु गंगाजल में निवास करते हैं। माघी पूर्णिमा पर दान-दक्षिणा का बत्तीस गुना फल मिलता है। इसलिए इसे ‘बत्तिसी पूर्णिमा’ भी कहते हैं।
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फाल्गुन पूर्णिमा, 17 मार्च
यह पूर्णिमा 18 मार्च दिन, शुक्रवार को पड़ रही है। इस दिन पूर्णिमा तिथि 17 मार्चा की दोपहर 1 बजकर 32 मिनट से लेकर 18 मार्च की दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगी। इसलिए व्रतादि की पूर्णिमा 17 मार्च को और स्नान-दान की पूर्णिमा 18 मार्च को मनाई जाएगी। फाल्गुनी पूर्णिमा सनातन संवत का अंतिम दिन भी होती है। इसके अगले दिन से सनातन नव वर्ष प्रारम्भ हो जाता है। फागुन पूर्णिमा के दिन होलिका दहन किया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
चैत्र पूर्णिमा, 16 अप्रैल 2022
इस वर्ष चैत्र महीने की पूर्णिमा 16 अप्रैल, दिन शनिवार को पड़ रही है। इस दिन भगवान शिव के 11वें रुद्रावतार श्री हनुमान जी का जन्म हुआ था। वैसे मतांतर से चैत्र पूर्णिमा के अलावा कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भी हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है।
वैशाख पूर्णिमा, 16 मई 2022
वैशाख महीने की पूर्णिमा इस वर्ष 16 मई, दिन सोमवार को पड़ रही है। इस दिन पूर्णिमा तिथि 15 मई की दोपहर 12 बजकर 47 मिनट से शुरू होकर 16 मई की सुबह 9 बजकर 44 मिनट तक रहेगी। इसलिए व्रतादि की पूर्णिमा 15 मई को और स्नान दान की पूर्णिमा 16 मई को मनाई जाएगी। वैशाख पूर्णिमा के दिन सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में और चांद भी अपनी उच्च राशि तुला में होता है। बैशाख मास की पूर्णिमा तिथि को भगवान विष्णु के नौवें अवतार महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ था। इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि बैशाख पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करके दान पुण्य करने से कुंभ में स्नान के समान पुण्य प्राप्त होता है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा, 14 जून 2022
ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा इस बार 14 जून, दिन मंगलवार को पड़ेगी। ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा को देव स्नान पूर्णिमा भी कहा जाता है। भविष्य पुराण के अनुसार इस दिन तीर्थ स्नान, दान और व्रत करने से समस्त कामनाओं की पूर्ति होती है। साथ ही इस दिन विवाहित महिलाएं व्रत कर पति की लंबी आयु के लिये वट, यानि बरगद के पेड़ की उपासना करती है। इसके आलावा इस दिन बिल्व पत्रों से उमा-महेश्वर यानि भगवान शंकर की पूजा की जाती है।
गुरु पूर्णिमा, 13 जुलाई 2022
इस वर्ष आषाढ़ महीने की पूर्णिमा 13 जुलाई, दिन बुधवार को पड़ रही है। आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। कहते हैं गुरु पूर्णिमा से लेकर अगले चार महीने अध्ययन के लिये बड़े ही उपयुक्त माने जाते हैं। साधु-संत भी इस दौरान एक स्थान पर रहकर ध्यान लगाते हैं।
श्रावणी पूर्णिमा, 12 अगस्त 2022
इस वर्ष श्रावण महीने की पूर्णिमा 12 अगस्त दिन, शुक्रवार को पड़ रही है। इस दिन पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त की सुबह 10 बजकर 40 मिनट से शुरू होकर 12 अगस्त की सुबह 7 बजकर 6 मिनट तक रहेगी। व्रतादि की पूर्णिमा 11 अगस्त को और स्नान-दान की पूर्णिमा 12 अगस्त को मनाई जाएगी। श्रावणी पूर्णिमा का दिन दान, पुण्य के साथ गोदान करने से जीवन में चल रही समस्त समस्याओं से छुटकारा मिलता है। साथ ही श्रावण पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का पर्व भी मनाया जाता है।
भाद्रपद पूर्णिमा, 10 सितंबर 2022
इस वर्ष भाद्रपद महीने की पूर्णिमा 10 सितम्बर, दिन शनिवार को पड़ रही है। इस दिन पूर्णिमा तिथि 9 सितम्बर की शाम 6 बजकर 8 मिनट से 10 सितम्बर की दोपहर 3 बजकर 29 मिनट तक रहेगी। भाद्रपद महीने की पूर्णिमा को व्रत और स्नान-दान करने से समस्त कष्टों से छुटकारा मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। भाद्रपद महीने की पूर्णिमा से सोलह दिवसीय श्राद्ध प्रारंभ होते हैं, साथ ही महिलाएं इस दिन उमा महेश्वर का व्रत कर भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना भी करती है।
शरद पूर्णिमा, 9 अक्टूबर 2022
इस वर्ष अश्विनी महीने की पूर्णिमा 9 अक्टूबर, दिन रविवार को पड़ रही है। अश्विनी पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन कोजागर व्रत के साथ लक्ष्मी कुबेर की पूजा भी की जाती है। इस दिन के बाद से ही कार्तिक मास के स्नान-दान व्रत नियम आदि प्रारम्भ होते हैं।
कार्तिक पूर्णिमा, 8 नवंबर 2022
इस वर्ष कार्तिक मास की पूर्णिमा 8 नवम्बर, दिन मंगलवार को पड़ रही है। माना जाता है कि- कार्तिक पूर्णिमा के दिन किया गया दान-पुण्य अक्षय फलों की प्राप्ति कराता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन ब्राह्मण के साथ ही अपनी बहन, भांजे, बुआ के बेटे, मामा को भी दान स्वरूप कुछ न कुछ दान देने से धन-सम्पदा में हमेशा बरकत ही बरकत होती है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा, 8 दिसंबर 2022
इस वर्ष मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा 8 दिसम्बर, दिन गुरूवार को पड़ रही है। इस दिन पूर्णिमा तिथि 7 दिसम्बर की सुबह 8 बजकर 2 मिनट से लेकर 8 दिसम्बर की सुबह 9 बजकर 38 मिनट तक रहेगी। व्रतादि की पूर्णिमा 7 दिसम्बर को और स्नान-दान की पूर्णिमा 8 दिसम्बर को मनायी जाएगी। स्नान-दान की मार्गशीर्ष माह की इस पूर्णिमा को अगहन पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। मार्गशीर्ष मास के बारे में स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि- ‘मासानां मार्गशीर्षोऽयम्’ अर्थात् मासों में मैं मार्गशीर्ष हूं। इस दिन गंगा आदि पवित्र तीर्थ स्थलों पर स्नान दान करने से समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।