Punjab Assembly Elections 2022 विधानसभा चुनाव से पहले ही पंजाब का सियासी पारा हाई होता जा रहा है। किसान आंदोलन की सफलता के बाद अब किसानों ने राजनीति के मैदान में हल और ट्रैक्टर चलाने की तैयारी कर ली है। 22 किसान संगठनों ने संयुक्त समाज मोर्चा के जरिए 117 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।
नई दिल्ली
Published: December 25, 2021 05:38:28 pm
नई दिल्ली। पंजाब में आगामी वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव ( Punjab Assembly Elections 2022 ) से पहले हलचलें तेज हो गई हैं। एक तरफ राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है तो दूसरी तरफ अब किसान भी खेतों को छोड़ राजनीतिक मैदान में हल चलाने की तैयारी में जुट गए हैं। इसी कड़ी में शनिवार को 22 किसान यूनियनों ने संयुक्त समाज मोर्चा बनाया है। यह मोर्चा पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में सभी 117 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ेगा। पार्टी का नेतृत्व बलबीर सिंह राजेवाल करेंगे। चंडीगढ़ में संयुक्त समाज मोर्चा ने इसका एलान किया गया।
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A new ‘Samyukta Samaj Morcha’ is formed for contesting Punjab Assembly elections. 22 unions have taken this decision. We need to change the system and want to appeal to people to support this morcha: Farmer leader Balbir Singh Rajewal in Chandigarh pic.twitter.com/VK3ctiVKvk
— ANI (@ANI) December 25, 2021
दरअसल शुक्रवार देर शाम तक मुल्लांपुर के गुरशरण कला भवन में 32 किसान जत्थेबंदियों की बैठक हुई थी। बैठक के बाद पांच किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने साफ कर दिया कि 22 किसान यूनियन किसान संघर्ष के लिए एकजुट हैं। उन्होंने कहा कि राजनीति करना और चुनाव लड़ना प्रत्येक यूनियन का अधिकार है। हालांकि इसको लेकर सबके अपने-अपने विचार भी हो सकते हैं।
चुनाव लड़ने को लेकर सात संगठन ऐसे भी हैं, जिन्होंने दूरी बनाने का फैसला किया है। इनमें से एक जय किसान आंदोलन (Jai Kisan Andolan) भी है। इस संगठन ने कहा है कि वह किसान संगठनों की ओर से SKM के नाम से चुनावी मोर्चा गठन के विचार का समर्थक नहीं है और न ही किसी ऐसे प्रयोग का हिस्सा बनेगा।
गुरनाम चढ़ूनी भी बना चुके पार्टी
किसान संगठनों का पहला मामला नहीं इससे पहले पंजाब चुनाव को लेकर भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने भी पार्टी बनाई है। पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने संयुक्त संघर्ष पार्टी बनाई थी।
खास बात यह है कि चढ़ूनी गुट भी सभी 117 सीटों पर ताल ठोकने को तैयार है। उन्होंने पंजाब इकाई का अध्यक्ष अरशपाल सिंह को नियुक्त किया था।
अफीम खेती को वैध करने की पैरवी
दरअसल चढ़ूनी पंजाब में अफीम की खेती को वैध करने की भी पैरवी कर चुके हैं। ऐसे में चुनाव के दौरान ऐसे किसान संगठनों पर खास नजर रहेगी। इनके प्रदर्शन पर बहुत कुछ आगे की राजनीति पर निर्भर करेगा।
चढ़ूनी ने कहा था कि वे नशाखोरी के खात्मे के लिए पंजाब में काम करेंगे। गरीब का उत्थान मुख्य प्राथमिकता रहेगा। देश में पार्टियों की कमी नहीं है। नेताओं ने राजनीति को कारोबार बना लिया है। गरीब ज्यादा गरीब हो रहे हैं और अमीर ज्यादा अमीर।
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