क्या होता है फोबिया? इसके ज्योतिषी कारण और उपाय
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क्या होता है फोबिया? इसके ज्योतिषी कारण और उपाय
कई बार व्यक्ति को एक अजीब डर सताने लगता है। यह काफी अजीब होता है जिसे फोबिया के नाम से जाना जाता है। कुछ लोगों को पानी से डर लगता है, किसी को ऊँचाई से या फिर छोटी जगह आदि इन सभी चीजों से डर लगता है यह काफी खतरनाक होता है। कई बार व्यक्ति इस डर के चलते अपनी जान भी गंवा बैठते हैं। क्या कभी आपने सोचा कि यह डर क्यों लगता है? ज्योतिष शास्त्र में भी इसका उल्लेख मिलता है। ज्योतिषशास्त्र में जातक की कुंडली और ग्रहों का महत्व बहुत ज्यादा होता है। यह गृह जातक की कुंडली में शुभ और अशुभ दशा बनाते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि ज्योतिष शास्त्र की सहायता से जातक अपने फोबिया को कैसे नियंत्रित कर सकता है। उसके लिए व्यक्ति को ज्योतिषशास्त्र के कुछ उपायों का पालन करना होगा।
फोबिया कई प्रकार का होता है जैसे कि किसी व्यक्ति को अनहोनी से डर लगता है, किसी को प्राकृतिक वातावरण का डर रहता । कुछ लोगों को सोशल होने से डर लगता है। वहीं कुछ लोगों को किसी खास प्रकार की परिस्थिति का डर रहता है। किसी को जानवरों से डर लगता है। किसी को ऊँचाई से डर लगता है। आज हम फोबिये केकई प्रकार पर बात करेंगे और साथ ही फोबिये के ज्योतिषी कारण जानेंगे और हम आपको कुछ ज्योतिषीय उपाय भी बताएंगे जिन्हें करके व्यक्ति इस फोबिये के डर को कम कर सकता है।
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आम तौर पर देखा गया है कि कुछ लोगों को सोशल होने से डर लगता है जिसे सोशियल एंग्जायटी डिसऑर्डर भी कहा जाता है। ऐसे लोग बहुत सारे लोगों के बीच बात करने से डरते हैं। लोगों के बीच चलने से डरते हैं। यह बहुत ही कॉमन है, इस डर को सामाजिक फोबिया कहते हैं।
कई लोगों को जानवरों से डर लगता है। जैसे किसी को छिपकली से डर लगता है। किसी को कॉकरोच से डर लगता है, मकड़ी कुत्ते आदि ऐसा कई जानवर हैं टेंशन लोगों का डर लगता है स्थिति काफी खतरनाक होती है। जिन लोगों को कुत्ते से डर लगता है उन्हें सायनो फोबिया होता है, वहीं जिन लोगों को रेंगनेवाले जानवरों से डर लगता है उन्हें अरकोनो फोबिया होता है। जिन लोगों को कुत्ते से डर लगता है देखा गया है कई बार वह लोग इतने डर जाते हैं कि वह कुत्ते को देखकर अपना रास्ता बदल लेते हैं उन्हें ऐसा लगता है कि कुत्ता उन्हें काट लेगा।
वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें एक खास परिस्थिति का डर होता है जैसे कि किसी को उचाई पर खड़े होने का डर, ड्राइविंग से डर, ब्रिज पर चलने से डर, इस प्रकार के डर को एक्रोफ़ोबिया कहते हैं। जिन लोगों को इंजेक्शन से डर लगता है उन्हें ट्राइपनो फोबिया होता है।
आपको बता दें कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें प्राकृतिक वातावरण का डर रहता है। जैसे कि तूफान, तेज बारिश, नदी, समुद्र आदि चीजों से डर लगता है। कई बार ऐसे लोग अंधेरे में या जंगल में जाने से भी डरते हैं। इस प्रकार के डर को नाइक्टो फोबिया कहते हैं।
कई व्यक्ति ऐसे होते हैं जिन्हें हमेशा कुछ अनहोनी होने का डर लगा रहता है। ऐसे लोग अपने जीवन में किसी प्रकार की अनहोनी के होने से डरते हैं। यह फोबिया आम तौर पर उन लोगों मेंज्यादा होता है जिनके साथ अतीत में कोई दुर्घटना घट चुकी होती है। यह फोबिया काफी खतरनाक माना गया है। क्योंकि इसमें व्यक्ति आत्महत्या तक करने के लिए तैयार रहता है। ऐसे लोग अनहोनी होने की आशंका के डर से अपने जीवन को काफी कष्टदायक बना लेते हैं।
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ज्योतिषशास्त्र के अनुसार चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है और वह मन से जुड़ी समस्याएं पैदा करता है। जब जातक की कुंडली में चंद्रमा की स्थिती खराब होती है तो वह डर, फोबिया जैसी परिस्थितियों को उत्पन्न करता है। राहु को भी मन में डर पैदा करने का कारक ग्रह माना जाता है। जब चंद्रमा और राहु की स्थिती खराब होती है तब मन में अजीब प्रकार के विचार आते हैं और इससे जुड़ी समस्याएं पैदा करते हैं।
ज्योतिषशास्त्र में फोबिये से जुड़े कुछ उपायों का भी उल्लेख मिलता है। कहते हैं इन उपायों को करने से व्यक्ति अपने जीवन में फोबिये से छुटकारा पा सकता है।
रोज़ सुबह उठकर स्नान करके सूर्य को जल देने से सूर्य के शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं और इससे जातक का डर भी दूर होता है।
चंद्रमा को मजबूत करने के लिए सोमवार के दिन जातक को भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।
जिन लोगों को फोबिया हैं ऐसे लोगों को मांसाहारी तथा नशीली चीजों से दूर रहना चाहिए और साथ ही ज्यादा तेल और मसाले वाला भोजन करने से बचना चाहिए।
जातक को हर महीने की दोनों एकादशियों का व्रत करना चाहिए। इससे काफी शुभ परिणाम मिलते हैं।
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