मधुर देवड़ा की ओर से बताया गया है कि बिटकॉइन अभी भी भारत में रेग्युलेटरी ग्रे एरिया में है। पेटीएम फिलहाल बिटकॉइन में बिजनेस नहीं करता। अगर यह देश में पूरी तरह से लीगल हो गया, तो स्पष्ट रूप से ऐसी पेशकश हो सकती हैं, जिन्हें हम लॉन्च कर सकते हैं।
फाइनैंस मिनिस्ट्री क्रिप्टो के क्षेत्र को स्ट्रक्चराइज करने के तरीकों पर काम कर रही है। इसके लिए एक नई कमिटी का गठन किया है, जो पता लगाएगी कि क्या क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग से होने वाली कमाई पर टैक्स लगाया जा सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भी 2021 के आखिर तक अपनी पहली आधिकारिक डिजिटल करेंसी को एक रेग्युलेटेड “सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC)” के रूप में लॉन्च करने पर काम कर रहा है। भारत अभी एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी बिल की घोषणा का इंतजार कर रहा है, जिसे संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा।
हाल के महीनों में देश में क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र में विस्तार देखा गया है। इस महीने की शुरुआत में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार- भारत, पाकिस्तान, यूक्रेन और वियतनाम में क्रिप्टोकरेंसी अपनाने की दर में 880 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। टेकस्टोरी की एक रिपोर्ट के अनुसार, लगभग सात मिलियन भारतीयों ने क्रिप्टोकरेंसी में 1 बिलियन डॉलर (लगभग 7,380 करोड़ रुपये) से अधिक की सामूहिक राशि का निवेश किया है।
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