पापमोचनी एकादशी का महत्त्व, पूजा विधि और उपाय।
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पापमोचनी एकादशी का महत्त्व, पूजा विधि और उपाय।
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार ,चैत्र माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचनी एकादशी कहा जाता है । पापमोचनी एकादशी होली और नवरात्रि के मध्य आती है और इस बार पापमोचनी एकादशी 28 मार्च 2022 को मनाई जा रही है।इस बार 28 मार्च को सुबह 6:16 से स्वार्थ सिद्धि योग प्रारंभ हो रहा है।
महत्त्व: हिंदू मान्यताओं के अनुसार हर माह की शुक्ल और कृष्ण पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को एकादशी व्रत मनाया जाता है और कई भक्त इस दिन पूरे विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करते हुए व्रत रखते हैं। वैसे तो पूरे वर्ष भर में 24 एकादशी व्रत रखते हैं और हर व्रत का अपना अलग महत्व होता है। दरअसल पूरे साल भर में मनाए जाने वाले सभी एकादशी व्रत भगवान श्री विष्णु की आराधना के लिए रखे जाते हैं।
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मान्यतानुसार पापमोचनी एकादशी को पापों का नाश करने वाली माना जाता है। इस व्रत को करने से तन-मन को शुद्धता प्राप्त होती है ।साथ ही व्रत के दौरान गलत कार्यों को नहीं करने का संकल्प लेने से जीवन के सभी दुख दूर हो जाते हैं। इस व्रत से मानसिक शांति मिलती है। पापमोचनी एकादशी कथा एवं महात्मय का श्रवण व पठन से समस्त पाप नाश को प्राप्त हो जाते हैं। चेक कृष्ण एकादशी यानी पापमोचनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है।
पूजा विधि
*पापमोचनी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद पीले वस्त्र धारण करके व्रत का संकल्प लें।
*घर के मंदिर में पूजा करने से पहले वेदी बनाकर सात अनाज (उड़द, मूंग, गेहूं, चना, जौ ,चावल और बाजरा) रखें।
*विधि के ऊपर कलश की स्थापना करें और उसमें आम या अशोक के पांच पत्ते लगाएं।
*अभी दी पर भगवान श्री विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें और भगवान को पीले फूल, ऋतु फल और तुलसी दल समर्पित करें।
*फिर धूप- दीप से विष्णु की आरती उतारे।
इस नवरात्रि कराएं कामाख्या बगलामुखी कवच का पाठ व हवन।
*शाम के समय भगवान विष्णु की आरती उतारने के बाद फलाहार ग्रहण करें।
* पापमोचनी एकादशी व्रत के दिन रात्रि में चयन नहीं करना चाहिए,
बल्कि भजन कीर्तन करते हुए जागरण करें।
*अगले दिन ब्राह्मण और गरीब को भोजन कराएं और दान दक्षिणा देकर विदा करें।
इसके बाद खुद भी भोजन कर व्रत का पारण करें।
पापमोचनी एकादशी के उपाय
* व्यापार में लाभ के लिए 11 गोमती चक्र और तीन छोटे एकाक्षी नारियल मंदिर में स्थापित करके धूप -दीप आदि से पूजन करके एक पीले कपड़े में बांधकर दुकान के मुख्य द्वार पर लटका दें।
*एकादशी के दिन सुबह घर की सफाई कर के मुख्य द्वार पर हल्दी काजल या गंगाजल का छिड़काव करें।
*इस दिन धन्य धन्य तथा लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए घर में भगवान श्री विष्णु तथा माता लक्ष्मी का कि केसर मिले जल से अभिषेक करें।
*एकादशी के दिन सायंकाल के समय तुलसी के सामने गाय के घी का दीपक जलाएं। इससे सारी परेशानियां दूर हो जाती है।
* अस्थाई धन लाभ की प्राप्ति के लिए पूजा स्थान में 11 गोमती चक्र रखकर स्फटिक की माला से जाप करें।
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