ET की रिपोर्ट के अनुसार, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का कहना है कि “इन कंपनियों [शाओमी, ओप्पो] ने संबद्ध उद्यमों के साथ लेनदेन के लिए आयकर अधिनियम, 1961 के तहत निर्धारित नियामक आदेश का अनुपालन नहीं किया था। इस तरह की चूक उन्हें आयकर अधिनियम 1961 (A) के तहत दंडात्मक कार्रवाई के लिए उत्तरदायी बनाती है। जिसमें 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की सीमा में हो सकती है।”
रिपोर्ट कहती है कि दोनों कंपनियों में से एक ने संबंधित उद्यमों की ओर से पेमेंट करके अपने खर्चों को बढ़ा दिया, जिससे कंपनी के टैक्सेबल प्रॉफिट (लाभ) में कमी आई। इसमें 1,400 करोड़ रुपये से अधिक अमाउंट हो सकता है।
इसके अलावा, विभाग दोनों कंपनियों से 5,000 करोड़ रुपये से अधिक की फर्जी उधारी को लेकर भी पूछताछ कर रहा है। इन दोनों कंपनियों में से एक ने भारत में स्थित किसी अन्य यूनिट की सर्विस का इस्तेमाल किया, लेकिन सोर्स पर टैक्स कटौती के प्रावधानों का पालन नहीं किया, जो उन्हें टैक्स (TDS) में 300 करोड़ रुपये ($40 मिलियन) के लिए उत्तरदायी बनाता है।
फिलहाल पूरा मामला जांच के अधीन है और अभी तक किसी तरह का अंतिम फैसला नहीं लिया गया है, लेकिन आयकर विभाग का यह बयान कहीं न कहीं इशारा देता है कि Xiaomi और Oppo भविष्य में कानूनी कार्रवाई या दंड का सामना कर सकती हैं।