यूट्यूब पर अपलोड किए गए वीडियो में नीचे लेटाए गए ओला स्कूटर को 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलते हुए देखा जा सकता है। इसका टर्न सिग्नल ब्लिंक करता है और संभवतः अटक भी जाता है। इस तरह की परेशानी सड़क पर स्कूटर चलाते हुए खतरनाक रूप ले सकती है। इस तरह के ग्लिच की वजह से गंभीर परिणाम हो सकते हैं। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब रिवर्स मोड में व्हील स्पिनिंग से जुड़ी कोई समस्या सामने आई है। पिछली बार 102 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलते हुए यह स्कूटर रिवर्स मोड में चला गया था।
गौरतलब है कि Ola S1 Pro में रिवर्स मोड फीचर दिया गया है। यह गाड़ी के खाई में फंसने या कठिन जगह पर पार्क होने पर गाड़ी को बाहर निकालने में मददगार है। लेकिन इस स्कूटर के साथ जिस तरह की परेशानियां सामने आ रही हैं, उससे लोगों के मन में कई सवाल खड़े हुए हैं।
बीते दिनों पुणे में Ola S1 Pro इलेक्ट्रिक स्कूटर में अचानक आग लग गई थी। इसके बाद एक बयान में ओला ने कहा कि हम पुणे में एक घटना से अवगत हैं, जो हमारे एक स्कूटर के साथ हुई थी और मूल कारण को समझने के लिए जांच कर रहे हैं और अगले कुछ दिनों में और अपडेट साझा करेंगे। हम इस घटना को गंभीरता से लेते हैं और उचित कार्रवाई करेंगे और आने वाले दिनों में अधिक जानकारी साझा करेंगे।
बताया जाता है कि ज्यादातर घटनाओं में लिथियम आयन सेल की खराब क्वालिटी या अक्षम बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम के कारण बैटरी में आग लग जाती है। भारत अपने खुद के लिथियम आयन सेल का निर्माण नहीं करता है, बल्कि बैटरी में इस प्रमुख कंपोनेंट को कंपनियां दक्षिण कोरिया, ताइवान, चीन और जापान में मौजूद सप्लायर्स से प्राप्त करती हैं। ओला कोरिया में LG Chem से अपने सेल लेती है।
पिछले साल सितंबर में भी Pure EV के दो स्कूटरों में भी आग लग गई थी, इसके बाद अक्टूबर में Okinawa के इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने की खबर आई थी। दिसंबर में भी HCD India के एक स्कूटर में आग लगी थी, जिससे एक 60 वर्षीय व्यक्ति की दुखद मौत हो गई थी।